संसार संकट | Sansar Sankat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रस्ताव | लित हो श्रपना धमं पालन किया है| श्राप इसका कारण जानना चाहते होगे | खुनिये, कहा जाता है कि इस युद्ध में वद् केवल इसलिए सम्मिलित हुआ क्योंकि बेलजियम फरे साथ अन्याय किया गया था। बेल्नजियम को राप्रों ने सन्धि दारा अखंडनीय माना था, यह तय दहो चुक्रा था कि लड़ने- वालो की सेनार्णे बेखजियम की भूमि र पैर न रक्खेंगी इत्यादि किन्तु जमनी ने इसके विरुद्ध आचरण किया और इसीलिए इड्लेंड के मैदान में आना पड़ा। कहने खुनने में यह बात बहुत अच्छी मालूम दोती है किन्तु इतना ही सत्य नहीं है । जिस प्रकार से बेल्जियम की उदासीनता का जर्मनी ने संग कियाथा उसी प्रकार से जर्मनी ने लक्समवगं की उदासी. नता का भंग किया था। यदि इङ्करड परोपकार के लिए दौड़ाथा तो फिर वद्द लक्समबर्ग के लिए पदिन्ञे क्‍यों नष्ट उटा राजनीति में धर्म, उदारता आदि को जो स्थान देते हैं वे इस बात का उत्तर दें, और छोगों का कहना तो यही है कि लक्समवगं पंक्ति की सीमा पर था, लक्लमबर्ग पर অনল कब्जा होने से फ्रांस के हानि पहुँच सकती थी इंग- लैंड के नहीं और इसीलिए इड्लेंड को मैदान में उतरना उतना ही आवश्यक नदीं समभ पड़ा | दूसरे संधि में भी कुछ ऐसी दी शर्तें हैं। इसके विपरीत बेलजियम पर जर्मन कञ्जना का गथ यद्‌ था कि समुद्रतर तक जमन सेना पहुंच जाती, यह इच्जलेंड के लिए हानिकर था और इसलिए मेदान ` में आना इज्ञलेंड के लिए उतना ही झावश्यक था जितना कि परोक्त मं अचि लगने पर अपने घर की चित्ता ।




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