जाने अनजाने | Jane Anjaane

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Jane Anjaane by रामेश्वर तांतिया - Rameshwar Tantia

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उद्योगों के राष्ट्रीयररण का नया प्रयोग आजसे तीन वर्ष पहले ज़य देशरे चौदद् बड बैंको का राष्ट्रीयकरण क्या गया था तो इनमे जमा छगभग तीन हजार करोड स्पयोकी पूंजी सरकारी नियन्द्रणमे स्पत ही आ गयी। परन्तु मूलत इन बच्तोके जो भागीटार (शेयर होटडर ) ये, उनको दकीस करोड स्पयेदे करीन चुकता पूनो ओौर रजिं का जोडक्र मिल गया। इससे जो टासा छोटे-वड भागी- हार थे, ये एक प्रकास्से सन्तुप्ट हो गये। हाँ, इन सस्याओा करी पचासो वपी साय ( गुडविल )> लिये कोई मुआवजा नही दिया गया था। पिदधे वपं सापारणं वामा ठम्पनियो काज्ञन राष्ट्रीयकरण हमा तन छोगोके मनमे यह विश्वास था कि पहले की तरह द्वी मूल धन और सुरित कोप (হিজল फण्ड ) का जोडकर भागीटारो को स्पया मिल जायेगा । परन्तु इस वार सरकारने यह मुआवजा पिछली वारकी तरह (जो उचित आर अपश्यक 4) न देवर केबल रामाशुके अद्ुपप्त सेटिया। नतीया यह हुआ कि अपेक्षित कीमतोसे लगभग आधी ही हिम्सेटाराको मिलेगी । सठ फरवरीके विधान समाआके चुनावोके नोरान वित्त मनी श्री चहाणने गुजरातमे अवने भाषगमि कदा था कि आवश्यक बम्तुआके कारयानाज़ा सरकार राष्ट्रीयररण कर




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