विश्वधर्म सम्मलेन | Vishva Dharam Sammelan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)সত
० से भारत के संतों की परंपरा पर
सग्ध हो गया। घर-घर में अपने
नाम की भाँति जिस ग्रंथ को याद
रखा जाता हं, उस रामायण का
रचयिता तुलसीदास कितना महान
था ! भक्ति ओर साधना के प्रतीक
रामकृष्ण परमहंस का जीवन कितना
उदात्त था ! भगवत् प्रेम मं निरंतर
रत रहने वाले चतनय महाप्रभु ने किस
तरह सारी सृष्टि को मक्तिमय बना
दिया! ओर नयी क्रान्तिका नया
विचार लेकर आने वाला महषि दयानंद
भारतीय जीवन का कंसा उज्ज्वल
नक्षत्र है ।
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