प्रतीकात्मक तर्कशास्त्र | Pratikatmak Tarkashastra

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Pratikatmak Tarkashastra by राजनारायण -Rajnarayan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about राजनारायण -Rajnarayan

Add Infomation AboutRajnarayan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
6 प्रतीकात्मक तर्कशास्त्र ( क ) #०३४०५३००- >४०००००५ ००० ( आधार प्रतिज्ञण्ति ) (ख) ०० *********-**** (निष्कर्ष) क्योंकि **«“'*** (आधार प्रतिज्ञप्ति) (ग) ह३०- **० **** ९००० (आधार प्रतिज्नप्ति) श्रत्‌: ** (निष्कर्ष) क्योकि“ `` {ग्राधार प्रतिन्ञप्ति) युक्तिकेग्रंगोंकी क्रम विभिन्नता से युक्ति के स्वरूपम कोई ग्रन्तर नहीं पड़ता । तकंशास्त्र के विद्यार्थी किसी भी क्रममें प्राप्त युक्ति को उसके सामान्य रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं । 1:22 ताकिक निर्देशक श्राधार प्रतिज्ञप्ति एवं निष्कर्ष को सम्बन्धित करने वाले शब्दों को 'तोकिक निर्देशक” कहा जाता है ! श्रतः , फलतः”, इस प्रकार , 'परिणाम- स्वरूप”, परिणामतः , “ग्रत एव , इसलिए एवं अरन्य समाना्थंक शब्द निष्कं पहले आते हैं और उसके द्योतक ह । क्योकि , चूंकि, इत्यादि, त्राधार प्रतिन्नप्ति के पहले आते हुँ श्रीर उसके द्योतक हैँ | पर यह श्रावश्यक नहीं है कि प्रत्येक युक्ति में कोई न कोई निर्देशक शब्द व्यक्ति रूप में वतंमान हो । निर्देशकों के प्रभाव में तकेशास्त्री को श्रपनी श्रोर से निर्देशक शब्दों की पूर्ति करनी होती है। ऐसा करने में कभी-कभी कठिनाई का सामना करना पढ़ता है । 1.23 ताकिक सम्बन्ध श्राधार प्रतिज्ञप्ति और निष्कपं के वीच तारिक निर्देशकों का व्यक्त प्रथवा अ्रव्यक्त रूप में वर्तमान होना इस बात की पुष्टि करता है कि उनके यीच में कोई विशिष्ट सम्बन्ध है ¦ इस सम्वन्धको तकणास्त्री श्रापदान' की संता देते हैं । इस सम्बन्ध के माध्यम से ही प्राधार्‌ प्रतिन्ञस्ति श्रीर निष्कषं एक मूत्रमें वेध कर विचार की युक्ति रूपी मौलिक इकाई प्रस्तुत करते हैं । किसी कथन को हम आधार प्रतिज्ञप्ति की संज्ञा तभी दें सकते हैं जब वह निष्कर्ष को श्रापादित करता हो और निष्कर्ष तभी निष्क्रपं है जब उसका ग्रापादन श्राधार प्रतिनप्ति से हो। इस सम्बन्ध की इतनी श्रधिक महत्ता है कि श्राथुनिक तकंणास्त्री इस सम्बन्ध के गुण-धर्मों को ही तऊशास्त्र के श्रध्ययन ঘা मुरय विपय मानते हैं 1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now