मलयालम साहित्य का इतिहास | Malayaalam Saahity Kaa Itihaas

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Malayaalam Saahity Kaa Itihaas by डॉ. के. भास्करन नायर - Dr. K. Bhaskaran Nair

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मलयालम का उत्पत्ति-काल ५ 37 स्कृत रूप 'चेन्तमिष” कहलाता है। कुछ लोग कहते हैं कि 'चेन्तमिष साहित्य की कृतियाँ मूलतः तमिष साहित्य की हैं, मलयालम की नहीं हैं। पर केरल के आचार-विचार, रहन-सहन आदि का चित्र ओर मलयालम भाषा के बहुत-से शब्दो का प्रयोग इनमे हम देख सकते हैँ । अतः पण्डितो का कहना है कि इन कृतियों को मलयालम भाषा के आदि साहित्य के अन्त- गेत मानने मे कोई असंगति नहीं है। १. तमिष॒ ओर तमिल, दोनों ठीक हैं तथा दोनों का प्रचार केरल मे है ।--लेखक




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