बाजार समाचार एवं पत्र व्यवहार | Bazar Samachar Avam Patra Vyavhar
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
194
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about रमेशचन्द अग्रवाल -Rameshchand Agrawal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ११९)
पक्का तेजडिपा (90507 0301)
दह् सटोरिया जो सदेद पहले खरोदकर बाद से बेचने के सौदे करता है,
'बवका तेजडिया' कहलाता है । इस प्रकार वह मन्दी का सौदा कभी भी
नहीं करता । जब्र उसे भावों मे कमो होने वी आश्ञा होती है तो वह सौदा न
करके चुपचाप शान्त बैठा रहता है ॥
चाक्य-प्रपोग--
भारत सरकार द्वारा रुई के आयात्त पर प्रत्तिवन्ध लगमे जाने पर् पके
সি सक्रिय हो गये !
অনা সহতিজা (01510 0: 36০05 799)
बह सदोरिया जो हमेशा पहले विक्रय तथा बाद से क्रप के घतोदे करता
है, (पबका सबडिय कहलाता है । इस ग्रकार वह तेजी का सौदा कभी भो
नही करता । विपरीत श्रवस्था गे, श्र्थाद् भावों मे वृद्धि होन की भ्ाशा होने
पर बह शान्त बठा रहता है ।
वाक्य भ्रयोग--
भारत सरकार द्वारा रुई के श्रायात पर प्रतिबष हंटाग्रे जाने पर पक्क
मदडिये सक्रिय हो गये ।
अथवा
भारत सरकार द्वारा रई के आयात पर प्रतिकध लगाये जाने पर पक्के
मदडिये शन्त हो गये ।
निरज, वुं ली, थका श्रथवा डित तेजटिया ( 115210{00176९त 81००,
1900৮ 00580900190. উ2]1)-
तेजडिग्रा हमेशा यह सोच कर भावी क्रय के सौदे करता है कि भविष्य
में उप्त वस्तु के मूल्य मे वृद्धि हो जाथगी और इस प्रकार वह बढ़े हुए मुल्य
যর বক্ষ को बेच कर लाभ कमा लेया । किन्तु की कमी उत्रकौ श्रवा के
विपरीत मूल्य बढने के स्थान पर गिरने लगते है तथा पर्याप्त प्रतीक्षा के वाद
भी स्थिति में कोई भी सुधार नही होता । ऐसी अवस्था मे उसे 'तिराज्, दु खो,'
“রা ভঙ্গ अश्रा 'खड़ित जेजडिफा कहते हैं)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...