दिगम्बरत्व और दिगम्बर मुनि | Digambaratv Or Digambar Muni
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about कामताप्रसाद जैन - Kamtaprasad Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भम०-भगवान महावीर, ले बा कामतप्रमाद जैन (सूरत २४५५)
भमबु--भगवान महाबीर और म. बुद्ध, ले.वा. कामताप्रसाद जेन (सूरत,
२४५३)
भमी भटारक मीमासा (गुजराती) (सूरत, २४३८)
আহ भारतवर्ष का इतिहाम, प्रो ईउवरीग्रसाद कृत (इण्डियन प्रेस)।
भाप्रारा>- भारतवर्ष के प्राचीन राजवद, सा. श्री विश्वेश्वरनाथ रेउ कृत भाग
१०३ (बम्बई, १९२० व १९२५)।
मजेई--पराठी जैन लोकाचे इतिहास, श्री अनन्ततनय कृत হলনা
१९१८ ई)
मनञ्ड्िम, -मन्िमनिकाय (নীল ঘথ), (811 185 50015195011)
मप्राजेस्मा-मध्यप्रातीय जैन स्मारक, ब्र ज्ीतलप्रसाद जी कृत (सूरत)।
मजेस्मा-मद्रास मैसूर प्रान्तीय जैन स्पारक, ब्र. शीतलप्रसाद जी कृत (सृग्त
२४५४)।
मूला०-पूलाचार, श्री वट्टकेरस्वामी कृत
रश्राण~रलकरण्डक श्रावकाचार, स श्री जुगलकिश्ोर मुख्तार (माग्र
बम्बई, १९८२)।
राइ«-राजपूताने का इतिहास, रा.व. गौरीशकर होराचन्द ओझा (अग्रसर
१९८२)।
लाटी--लाटीसहिता, श्री प. दरबारीलाल द्वारा सपादित (মায় লহ্বহ
१९८४)।
নিতে -विद्वद्रलमाला, श्री नाथूराम प्रेमी कृत (बम्बई १९१२ ई.)।
विको० -विङवकोष, स श्री नगेनद्रनाथ वसु (कलकत्ता)
वृजैश०-वृहत् जेन शब्दार्णव भरा १, ले. श्री वा विहीलाल जी च॑तन्व
(वारावकी, १९२५ ई )।
वेज वेद पुराणादि प्रथो पे जैनधर्पं का अस्तित्व, श्री मक्खननन ङ्न
(दिल्ली, १९३०)
सजै- सनातन जैन धर, श्री चम्पतराय कृता
सागार-सागार धर्मापृत, स श्री लालाराम जी (सूरत, २४४२)
सप्राजैस्मा-सयुक्तप्रान्तीय जैन स्मारक, श्री ब्र जीवलप्रमाद जी कृत । गग
१९२३)।
सूस०-सूरीहवर और सम्राट, ले.श्री कृष्णलाल (आगरा, १९८०)।
हिगम्बतत्व आर दियस््कर गुर 7 इका
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