प्रेमचंद और गबन | Premchand Aur Gaban

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Premchand Aur Gaban by जितेन्द्रनाथ पाठक -Jitendranath Pathak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषयानुक्रम १८ प्रकरण पृष्ठ १-हिंदी उपन्यास £ एक सर्वेक्षण-- १-१ ६: उपन्यास की मूल प्रकृति ; हिंदी-उपन्यास का प्रयोग-युग, चार धाराएं:---मौलिक-सामजिक उपन्यास; अनुवादित उपन्यास; ऐतिहासिक रोमानी उपन्यास; तिलस्मी-जासूसी उपन्यास; द्वितीय युग; प्रेमचद ओर उनके अनुवर्ती लेखक, प्रसाद! + भगवतीचरण वा आदि , तृतीय युग; जनेन्द्र, अशेय आदि, ऐतिहासिक उपन्यास; तृतीय युग को दूसरी धारा, यशणाल आदि । २-प्रेमचंद : जीवन-रेखा- १७-२४ ३- श्रेमचंद-साहित्य : एक मल्यांकन-- २५-५२ प्रेमचंद-पूर्व के प्रयोग ओर उनकी सीमाएँ, तत्कालीन सांस्क्ृतिक पृष्ठभूमि, पुनरुत्थान-युग; राजनीतिक एष्ठभूमि, कांग्रेस ओर गाधी सामाजिक पृष्ठभूमि, उच्च-मध्य-निम्न वर्ग, मध्यवर्ग का बुद्धिजीवी समाज, आर्थिक पृष्ठभूमि, जमीदार और पूँजीपति, किसान और श्रमिक; निम्नवर्ग 'की मुक्ति का अर्थ किसान-आदोलन को बल; ' ग्रेमचंद मानव॑-जीवन के एक खाधीनचेता साहित्यकार; उपन्यासकार प्रेमचंद, सेवासदन; प्रेमाअम, रगभूमि, कायाकल्पै, गबनः निर्मला; कर्मभूमि, गोदान; कहानीकार प्रेमचंद, प्रेमचद और कहानी का




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