कहानी आंदोलनों के संदर्भ में स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कहानियों का अध्ययन | Kahani Andolano Ke Sandarv Me Swatantrottar Hindi Kahaniyon ka Adhyayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भी ध्म रहौ हे मग्घर भण्डारी की यही सप है , कृष्णा साँबती की * ब्रादलाँ के घर , राजेन्द्र यादव की छोटे-हाँटे ताजमहल , निर्मल वर्मा তা तीसरा गवाह कम्हैश्तर का पीला लात आद है) त्वातम्ज्यौत्तर कहानी के জাজ জী আতা यः किन ति भोम ज বউ, উজ পা ওক রঃ ওক কী করাঃ এছ আন বীচ? ভাস গা এ কা উল হার (বাপ এ বিজ তা হট পচ यीद हम खातन्झोत्तर कहानी के विकास पर सूक्ष्मता' ते द्ीब्हपात करतौ हम यष स्पष्ट रुप ते दिखाई पढ़ेयगा पक त्वातम्झ्यौत्तर काज़ मैं कहानी काराँ की धार-वार पी द्वियाँ शक ताधथ नी वित एषी ह, प्रथम पटी मै पदन राधाकृष्णदात और वृम्दावमत्ाब वर्मा हैं- वद्वितीय में य्रापाल, गैनेम्द्र और भबवती- चरण वर्मा- तीसरी पीढ़ी के कहाबीकार हैं- জাত শি, আতিশিত भारती জীন नाथ रेण्ठ, अमरकाम्त, मार्ण्डेव, राभेय राच्छ, अमृतह्ाज्ञ नागर, भीष्म ताहनी , नरेश भहता, हीरक्कर परसा, शपवानी, विष्णु प्रभाकर, राजैम्द्र यादव, বসল) শীল वम, पहम्‌ राकैषा, मन्दर पठारी, उषा प्र्वतदा आदि भैर चौधी पीढ़ी की साठौत्तर पीढ़ी जिसमें कहानीका'रों की लम्बी कताए है कुष्ठ महत्व पूर्ण नाम इस प्रकार & িলভী पधान छन ह्ुकी हे वैषि कानरंणन, द्धन ध पिह, एष तिन्डा, संतो न्ता गगीरिराज किक्षोर, तथा. अरोड़ा, काशीनाथ , मरतंह, तहरठम्नत्ता परवेन्न, कृष्णा सोती, ज्ञानी, श्रीकास्त द्मा, ঘা जोशी आपिद। चां पश्यो की तेखन पैली और उमके दृष्टिकोण में प्रयाध्ति अभ्तर रहा है- णी' स्वाभाव भौ है। हमाए त्श पुरानी पीढ़ी आदर्शवाद के युग की थी অজ টা জালা हेद्‌ संचर्षषीह धा। अनी हकमत ठौ नाराधमी शैर द्रं तरह के कतरे मील तेकर `




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