जेल में | Jail Men

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Jail Men by कुलदीप नय्यर - Kuldeep Nayyar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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और क्रामवेल मे सबसे बड़ा आदमी कौन था ? किसी मे जवाब दिया कि निश्चय ही अजक নকুল মরন वडा आदमी या॥ और उसका यह कहना হাঁক ही था कि हम लोग उनको ही आदर देते है जो तक से हमारे दिमाग्रको जीततेतेहै, नक्षि उनको जो वल के आधार पर हमको गुलाम बना डालते ই” নি নিঘাঘিযা কী पलाह दी थी “हैं डॉक्टर बनें, इंजीनियर था प्रोफ़ेसर बने, लेकिन वह्‌ पत्रकार कभी भी ने बनें । मुझे इस स्तम्भ के लिए लिखना वन्द करना षडा था, कथो इंडियन पपर के मालिकों को पता दिया गया था कि जे तदीप नैयर का कोई भी लेख जिसे वह अपने नाम से या किसी छेद नाम से लिखे आपके समाचार নং को जाँच के लिए भेजे विना प्रकाशित नहीं होना चाहिए।” प्रस्तावे पास करवाना पाहता था। इस बेठक में सभी स्थानीय सदस्य शामित हुए थे। थे रह वही चाहते थे कि से रशिप की आलोचना को जाये, हालांकि कुछ लोग सेसरशिष ते अतष्ट ये) में अपनी गत पर अड़ा हुआ था और मैंने कहा येग जव री भावौ पीढ़ी प्रस-कौसित को स्पष्ट वात क न्दाकरेगी, क्योकि उसकी स्थापना इसीलिए हुई है कि समाचार- पथोकी जादी की रक्षा की जाये। यहे तके दिया जा रहा था कि प्रस्तावः पास करने से कोई লাম नहीं होगा, क्योकि कोई भी प्रमाचारपश्न इसे नही छपैगा। मैंने उनसे रहा कि यहाँ सवाल प्रचार का नही, हम सबके विवेक का सवाल है। श थी। ह्‌ किस प्रकार कैरल के উনসুৰ मुख्यमंत्री ई० एम० एस० নমিতা नै निवार म नकी अवधिक, जो खः ने / बढ़ाये जाने का विरोध किया था, पर वह असफल रहा था 1 तेत्कातीने गृहमती गोदिन्दवस्तभ ঘন নী निवास-स्थान पर मुख्यमंत्रियों को কি বক ম ভিউ ई० एम० एस० ने इसका विरोध किया था | पश्चिमी बंगाल के मुख्यमंत्री ' विधानचन्द्र राय नेत्तो यहा पैक कहा था कि ई° एम হও বকা জী অহামন की जरूरतों को नहीं प्मभता, लेकिन नम्बूदिरीपाद अपनी. वात पर श्री राय के उठकर चते जानै पर भी गड़ेरहै। निवारक নত रवन्दी कानून की अवधि बढाने का निर्णय तो ले लिया पया लेकिन ই एम० एस० मे वही भोर उसी उक्त यह आश्वासन दिया था कि उनकी पादीं इस कटो নিপুন কর কী মী इस्तेमाल नही करेगी और उन्होने इसका इस्तेमाल नही ही किया। आनुका इससे भी फ्यादा इसके तहत कोई आदमी कभी भी गिरफ़्तार किया जा सकता था गी खरावया। 1 इसके खिलाफ जे ইভ भी कानूनी कार्रवाई हो 48 ; जेल में




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