विश्वभारती पत्रिका खंड 9 | Vishvabharati Patrika Khand 9

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Vishvabharati Patrika Khand 9  by कालिदास भट्टाचार्य - Kalidas Bhattacharya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नव नार्थो कौ कटपना ११३ जा सकता है कि मत्स्येन्द्रनाथ नाम कमी पीछे प्रचलित हुआ होगा! परन्तु ““इव्योग प्रदोपिका” के अंतर्गत ये दोनों ही नाम पृथक प्थक्‌ भी एक ही जगह दिये गये दीख पड़ते हैं जिस कारण यहां पर ऐसा ही लगता है कि ये दोनों दो भिन्न व्यक्तियों को सूचित करते हैँ। अतएव, बिना किसी अन्य प्रामाणिक सामग्री पर विचार किये, इस विषय में कोई अंतिम निर्णय कर पाना संभव नहीं जान पड़ता'। इसी प्रकार यदि हम दत्त संप्रदाय अथवा वारकरी संप्रदाय द्वारा प्रमावित सूचियों का विचार करने लगते हैं तो इमारे सामने नीचे दी गई नाम-तालिकाएं आती हैं जिन पर पहले प्रथक्‌- तथा फिर एक बार एक साथ भी दृष्टि डाली जा सकती है :--- १--थ“यो मिसंप्रदायाविष्कृति १३ (৯০ चन्द्रनाथ योगी ) के आधार पर बनी सूची ~ (१) मत्स्येद्धनाथ (कवि नारायण) (२) गहनी नाथ (करभाजन नारायण) (३) ज्वालेन्द्र नाथ (अंतरिक्ष नारायण) (४) करणिपानाथ (प्रवुद्ध नारायण) (५) नाग नाथ (१) (आविद्दोन्र नारायण) (६) चर्पट नाथ (पिप्पलाद नारायण) (७) रेवानाथ (चमस नारायण) (८) सतू नाथ (हरि नारायण) और (९) गोपीचन्द्रनाथ (दमिर नारायण) : २--“श्रो नवनाथ चरित्र?१४ ( मराठी, ॐे° म कवि ) की सूची :-(3) मच्छद्िनाथ (२) गोरक्षनाथ (३) गदहिनीनाथ (४) जाटंद्रनाथ (५) कानिफनाथ (६) सत्त रीनाथ (৩) रेवणनाथ (८) नागनाथं शौर (९) चपंटीनाथ : ३--एक सांप्रदायिक इलोक1७ कौ सुची -(2) गोरक्ष (>) जाख्द्र (३) चपेट (४) अडवंग (५) कानीफ (६) मछिद्र ( ७) नचोय्गी (८) रेवणक भर (९) भत्रीं | ४--“हिन्दुत १९ (° राम दास गौड़) वारी सूचो :-(१) गोरखनाथ (९) ज्वालेन्द्र नाथ (३) कारिणनाथ (৬) বাছিনীনাথ (७) चपेटनाथ (६) रेवेणनाथ (७) नागनाथ (८) सतु नाथ ओर (९) गोपीचन्द्‌ : 1३, अहमदाबाद, छ० ७। १४. “श्रो नवनाथ सक्तिकथासार” (मुंबई) से उद्धृत । १५. गोरक्ष जालंद चर्पटाइच अडवँग कानीफ मछिंद्राद्याः । चौरंगि रेवाणक मत्रि संज्ञा, .भूम्वां वभूवुनंवनाथ सिद्धा ( रा० चि० ढेरे कृत “श्री गुरु गोरक्षनाथ” इत्यादि ४० ११७ पर उद्धूत )। १६, काशी (१९४० दई०) एपृ० २४१ ।




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