आदर्श साधु | Adrash Sadhu
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
84
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आदर्श साधु १९
বি
सत्ता, चांदी, हीरा, माणिक, মীরী, গপাহ জু
जिसकी निस्पही ओर मिमाद्दी आत्मा को
व समान, पत्थर कं तस्य भासं |
फ्यों कि, जिस सम्पत्ति से अनन्तकाल तक
आत्मा को तृष्ति नहों हुई
जिस भायादी ससद्धि को प्राप्त करते-ऋकरते सर्दय
दोनता हो रहो-
उसे जद पर-वस्तुं मानकर फक दी |
उस पर भाषत्यांगी को मोह कया
> न
লহ श्चप्सरा या रजा दोनो,
(ज़सकी दृष्टि में केंचल काठ की पुतत्ली है ।
अपि या सर्प का स्पर्श स्वप्त में भी जेंसे न करे
उसी प्रदार भीग জী লাভা ক্ষঙ্গা ন হছ্ছাঁ |
यट तो कस्चन और कामियी के त्यागी
लीवयागमोद कक शबत्त्रों से विंधे नहीं।
सम्राट फा सपार |
धार घहापती का भो चन्रवर्ती
एप কুল হাতল समख क सलार स्या
स्यत्तन्य मालिक, पेही प्रश्रय खा।ध।
पे)
সদ রী
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