निजराणो | Nijrano
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1008 KB
कुल पष्ठ :
142
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आज अणचितारघां
अणगवबुलाई, अणचीती सी
अलेखू बार
दौड़-दौड़ भाऊं थारे दुवार
तो ई नीं अछेही आस पूरे
नी सवाई साध पूरं
रेम्हार। कान्ट् कांमणगारा !
पण वैलापैल
अचपढ्टा कान्ह कंवर !
य् म्हारो अवोट पुणचो पकड़
सुरंगी जमनां रे कांठे
उण कदव रूख र पसवाडे
म्हारं नैणामे टुग-टुग जोवण छागो,
थार कोडीले हाथ रो
निवायो परस
म्हारी ररम
झणकारां रा झाला मारण लागो
रगत नाडियां में
जाए पाछो जमग्यो,
आखे पंथ, आखे मारग,
पगा में भाखर रो भार लिया
घणी दोरी चाही
आज थारे-म्हारे परसेवा मे
कोई भेद कोनी,
माट कोनी,
थने म्हारी पलकां सूं
वाव दुढाऊं
तो म्हारों पसीनो तो आप ई सूख जावे
पण पैलापैल
~ ~ देम है उनमान
শশা
निजराणो 15
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