प्रसिद्ध व्यक्तियों के प्रेम - पत्र | Prasiddh Vyaktiyon Ke Prem - Patra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
386
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२३५
४१
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७ द
४८६
भरू
उपन्यासकार दोस्तावस्की का पच्च एेनाके नाम--
« अगर कोई हमारे पत्र पढे तो क्या हो?”
४ , कुम से कम मेरे पीछे तो तुम आनन्द से रहो ..
सहारानी लूसी का पत्र नेपोलियन के सास्त--
४ मुझ में हिम्मत की कमी नही है...
कवि कॉलरिज का पत्र सेराह के नाम---
“तुम्हे प्रत्यक्ष देखना मैं तभी बन्द करना हूँ, जब ऑँसू
मेरी माखो से दुलक पड़ते है
वैज्ञानिक सर हम्फरी डेवी के नाम जेन का पत्र---
« मैं जितनी भी तेजी से हो सकेगा, सफर करूगी ”
उपन्यासकार আর ভিহ্বঃল ক্কা पत्र कैट के नाम--
« सब बहुत उत्साह मे हैं /
सन्न श्ररविन्द का पत्र मृणालिनी के नाम--
“ ग्भी तक मैंने रुपये मे दो आने ही भगवान को लौटाये
है...
शायर जाँ निसार अ्रख्तर के नाम सफिया का पन्न --
“ , तुमने तो पूरी तन्ख्वाह ही सुझे मेज दी 1
कवि रेनर सेरिया रिल्के का पत्र क्लेरा के नाम --
«,,.कुछ बातो की तरफ हमे बिल्कुल भी ध्यान नही देना
चाहिये *.*
राष्ट्रपति रूजवल्द का पत्र बेब्स के नाम--
“ , मैं एक बौखलाये हुये भालू की तरह होऊँंगा
कचियक्नी बैरट का पन्न कवि त्रा्जनिग के नाम --
“/ अब हमे कोई अलग नही कर सकता ..
११४
, देश-भवत जमनालाल बजाज का पत्र जानकी देवी के नाम---१ १६
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