युद्ध और अहिंसा | Yudh Or Ahinsa

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Book Image : युद्ध और अहिंसा  - Yudh Or Ahinsa

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दे मेरी सहानुभूति का आधार बाइसराय की मुलाकात के बाद मैंने जो वक्तव्य दिया, उसपर झच्छे-चुरे दोनों दी तरह के खयालात ज्ञाद्दिर किये गये हैं। एक श्ालोचक ने उसे भायुकतापूर्ण बकवास कहा दै तो दूसरे ने उसे राजनीतिज्ञतापूणणं घोषणा बतलाया है। दोनों अतियों में बड़ा फ़रक है। मै सममता हूँ कि 'अपने-झपने इृष्टि- कोण से सभी झालोचकों का कहना ठीक है; लेकिन उसके लेखक के पूरे दृष्टिकोण से वे सभी ग्र्तती पर हैं। उसने तो सिफ अपने संतोष के लिए दी चदद लिखा था। उसमें मेसे जो कुछ कहा है. उसके इरेक शब्द से मैं बैँघा हुआ हूँ। हरेक सानवतापूर्ण सम्मति का- जो शजनीतिक महत्त्व छोता है; उसके थौर कोई राजनीतिक महत्त्व उसका नहीं है। विचारों के पारस्परिक सम्बन्ध को नहीं रोका जा सकता ) एक सन ने तो उसके खिलाफ़ बड़ा जोशीला पत्र मेरे पास मेजा है. । उन्दोंने उसका जवाब भी मॉगा है। मै उस पत्र को उद्घृत नददीं करूँगा, क्योंकि उसके छुछ अंश खुद मेरी ही समम में नहीं झाये । लेकिन उसका भाव सममकने में मुश्किल नहीं है । उसकी मुख्य दलील यद है--“डगर इंग्लेणड के पाले-




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