अर्थशास्त्र की रूप रेखा | Arthashastra Ki Rup Rekha
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
302
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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संस्कृति और परम्पराओं के अनुकूल हैं। प्रो, जे. के. मेहता ने आवश्यक
জামী को कम्र से कम करते पर जोर दिया है) उन्होंने बताया है कि
अर्थशास्त्र का सम्बन्ध इच्छाओं की संतुष्टि से नहीं वर इच्छाओं
की. समाप्ति से है जिसते कि आवश्यकता रहित [ पण
16550९88 ).मवस्वा मौर निर्वाण की स्विति कौ माप्त किमा ना सके;
श्रो, मेहता ने अर्थ शास्त्र की परिभाषा देते हुए अपने विचार को इस
प्रकार से प्रकट किया है कि “'अयेशास्त्र एक पिज्ञान है छो मानव
व्यवहार का अध्ययत भावश्यकता रहित अवस्था मे पहुँचने के साधन
के रूप में करता है ४” 1
মী, মরা की भावश्यकता रहित स्थिति से तालर्प उस स्थिति
सदै ञव मनुष्ये रपे कत्तव्य पालन क्री दृष्टि से हो आवश्यकताओं
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