संत नन्दनार | Santa Nandanaara
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
915 KB
कुल पष्ठ :
70
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about हृषीकेश शर्मा - Hrishikesh Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ज़न्स और बाल्यकारू হ
भी खाते हैं और ताड़ी-शराब वगैरह पीकर अपने
दुखमय पतित जीवन का, उच्च जातिये द्वारा किये
गये अपमान का, दुख भूढ जति दै ।
नन्द पढ़ा-लिखा न था। वह अपने लड़कपन
में मुर्गियाँ, कुत्तों और सुअरों के बीच आगे साथियों
के साथ खेला करता । कभी कभी सूआर के बच्चों को
चराने के लिये इधर उधर ले जाया करता या मालिक
के ढोर चराया करता था। लेकिन एक बात उनमें
असाधारण देखी गयी । जव उसे कुछ समझ आयी,
उसने अपना खेल-कूद बंद कर दिया । बह किसी
पेड के नीचे मिट्टी के देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बना
बनाकर उनकी पूजा किया करता। उसके घर के ভীম
या बिराद्रीवाले जब अपने देवी-देवता को प्रसन्न करने
की इच्छा से मुर्गों या बकरो का बलिदान देते तब
बेचारे उन गुंगे जीवों की कहणा भरी चीत्कारं से बाल्क
नन्द् का हृदय फटने र्गतां ओर उसकी ओं से
User Reviews
No Reviews | Add Yours...