भूगोल | Bhugol

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Bhugol by रामनारायण मिश्र - Ramnarayan Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ भूगोल केष कट जाते हैं । बलिया शहर गगा के किनारे बसा है । बाढ़ के दिनों में इसे भी डर रहता है। बल्लिया जिले को छोड़ कर गंगा शाहाबाद या आरा जिर में प्रवेश करती है जो बिद्दार प्रान्त में स्थित है । यम्ुुना-नयमुना नदो गढ़वाल में समुद्र तलस १०८४९ फुट भते ऊंचाई पर यमुनोत्रो हिम्ागार से ( प्रायः ५ मील उत्तर ) निकलती है। बन्दर पांच অন ( जो २०,७३१ फुट ऊंचा है ) से यमुना का उद्गम ८ मील उत्तर-पश्चिम की ओर है। उद्गम से ७ मील दक्षिण को ओर बहने के बाद यमुना २२ मील तक उत्तर-पश्चिम को ओर ( कोटनूर तक ) घड़वेग से बहती हे | केवल १६ मील बढने पर ही यद ^००० फुट से अधिक नीचे उतर श्रातो है। इसी बीच में बदिशर श्रीर कमलाददौो छोटी पहाड़ी नदियां यमुना के दादिने किनारे पर आ मिलती हैं। इसके आगे यमुना फिर २६ मील तक ठोक दक्षिण की ओर बहती है । इस मांग मे बदरी ओर अस्लौर सहायक नदियां यमुना में आा मिलतो हैं। असलौर के संगम के आगे यमुना अचानक पश्चिम की ओर मुझती है । १४ मील संगम तक इसी दिशा में बहती है । यहीं टोंस नदी यमुना में मिलती है । टॉस अधिक बड़ी नदी है । इस संगम के आगे यमुना द्विमालय को पीछे छोड़कर दून-घाटी में प्रवेश करती है। यहां यमुना का बहाव दक्षिण-प्रश्चिम को ओर हो जाता है। इस ओर गिरि श्रीर सरमौर नदियां पश्चिम की ओर से और आसनदी पूर्व का ओर से यमुना में मिलतो है अपने साग के ९०वें मील पर यमुना शिवालिक का पीछे छोडकर सहारनपुर जिल मं फजाबादं गांव के पास मैदान में प्रवेश करती है| यहां समुद्र तल से यमुना की उ'चाई १२७६ फट है। मैदान में ६५ मील तक यमुना दक्षिण-पश्चिस को ओर बहती है और पंजाब के अम्बाला और कनॉल जिलों को संयुक्त प्रान्त के सहारनपुर और मुजफ्फर नगर जिलों से अलग करती है। मैदान में पहुँचते पहुँचते यमुना एरु बड़ी नदी वन जांतो है। यहीं फैजाबाद गांव के पास यमुना नदी से पूर्वी यमुना और पश्चिमी यमुना नहरें निकलती हैं। शाजघाट के पास पृवं की ओर से आकर मस्करों नदी यमुना में मिलती है। सयक्त प्रान्त के भीतर होक बिधोली ( मुज़फ्फर नगर जिले में ) यमुना के पास ठोक दक्षिण की ओर मुड़ती है और ८० मील दिलो के पास) तर हसी दिशा में बहती है । दिल्‍ली से दक्षिण -पूतरे की ओर मुङकर ( २५ मील ) दनरीर ' के आगे यमुना फिर दक्षिण की ओर बहने लगती है । इसी माग में कठ नदी और हि डन पूष की आर से सबी नदों पश्चिम को ओर से यमुना में श्रा मिलती हैं। दनकौर से मथुरा के पास मदावन १०० सील ) तक यमुना में कोइ सहायक नदी नहीं मिलतो है । यमुना नदी बुलन्द शर शौर अलीगढ़ ` जिलों को ता पंजाब के गुरूगांव जिले स अलग करती है | लेकिन इसके आगे होदा के पास से यह बढती है। पहले यह मथुरा ज़िले के बीच में बहतो है। मद्दावन के पास यह आगरा जिले में प्रवेश करती है | महाबन के पास से यमुना पूत की ओर मुड़ती है और २०० मील तक दक्षिण-पूव की ओर बहती है। इस माग में आगरा ओर इटावा के कटे फटे ऊँचे किनारों के पड़ोस में यमुना विलक्षण मोकू बनाती है। यमुना के जितने ऊँच छिनारे आगरा ओर इटावा जिलों में हे उतन ऊचे किनारे मैदान के ऊपरी भागों में भी नहीं हैं । आगरे के पास करवा नदी यमुना में बाइ ओर से आकर मिलती हे | दक्षिण की ओर दाहिने किनारे पर खतांगन नदरा यमुना मे मिलती ह । आगरा, फीरोज़ा- बाद, बटेश्वर और इटावा यमुना के ऊ थे किनारे पर चस है । बटेश्बर क पास यमुना मुडकर एक प्राय द्वाप सा बनाती हैं | यहीं कार्तिक के मद्दाने में भारी मेला लगता है। इटाबा के आगे यमुना १४० मौल ५ हभारपुर ) अधिक दक्षिश की आर मुड़ती है । इटावा के दक्षिण प्रदेश को पार करके यमुना इटावा ओर कानपुर जिलों का जालौन और हमीरपुर जिलों से अलग करती है | काल्‍पी के नीचे यमुना के उत्तर किन.रे पर सेंगर नदों मिलती है| इटाबा शहर से ४८ मोल नीचे की ओर विशाल चम्बल नदी मध्यभारत का पानी यमुना में उंडेल देती है। इटावा और जालौन की 'रीमा पर यमुना में दक्षिण की छीटी सिन्ध नदी मिलतो है | हमीरपुर के पास यमुना और बेतवा का संगम है | हमोरपुर से इलाद्दाबाद ( गंगा के संगम ) तक यमुना ठोक पूव की ओर तद्दती है। इस मार्ग में




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