ग्रामीण स्थानीय प्रशासन | Gramin Sthaniya Prashasan

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Gramin Sthaniya Prashasan by रविन्द्र शर्मा -Ravindra Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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70 ग्रामीण स्थानीय प्रशासन को जोडते की समस्या की झोर उनका ष्यात गया । जब दे संयुक्त राज्य अमेरिका गए, तो थे वहा से ब्लॉक विकास का सॉडल लेकर झाए और झ्रमरी की ब्लॉक पद्धति का झनुकरण करते हुए पूरे भारतवर्प को ब्लॉको मे बाट दिया गया। इस तरह आर्तवं ते ५952 मे 1957 तक ब्लॉक विकाप्त अधिकारी जनता के आ्थिव विक्रास के कार्यक्रमों को लागू करने मे जुटे रहे 1 नियोजित विकास के अगर की भाति 2 अक्टूबर, 1952 को भारत के अन्य राज्यों को भाँति राजस्थान में साम्दायथिक विकास योजनोश्रो का प्रारम्भ किया 1 इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्त्रय के प्रयत्तों से ग्रामीण समुदाय से झपनी झावश्यकताओो को देखते हुए विकास करना था) इसके श्रन्नरम॑त यह्‌ झाशा वी गईं थी कि आरम्भ में पहल (10111811५८) सरकार करगी झौर घीरे-धीरे प्राभोण जनता में पहलकदमी कौ भावना जागृत होगी और घीरे-घीरे सरकारी पहलकदमी की कोई झावेश्यकता नहीं रहेगी । वर्षों की गुलामी के कारण जनता की, हर छोटी व बडौ झ्रावश्यकता के लिये सरकार पर आाश्चित रहने की जो प्रदृत्ति पड गई थी उसे समाप्त करके उन्हे स्वावलम्बी बसमाना था। उन्हें इसके तहत भ्रागे वढकर्‌ अ्रपती आवश्यकता के लिये स्वयं विचार कर पूर्ण करने के प्रयत्त के लिये जागृत वर्षेरित करना था । इस कार्यक्रम को पूरए करने के लिए स्थानीय सस्थाओ को सजीव बनाने और जहा स्थानीय सस्थाए न हों, वहा नई सरथाए' बनाने का विचार या ग्रोमोर फूड एनक्वायरी कमेठी की सिफारिश पर 1953 में राष्ट्रीय प्रसार सेवाओं का प्रारम्भ किया नया । प्रथम योजना में देश के श्राथिक झौर सामाजिक उत्थान के लिये प्रयत्न किये गये ॥ सामुदायिक दिकास योजना झौर राष्ट्रीय प्रसार सेबाओ के सफल प्रशासन की दृष्टि से राजस्थान में ग्राम पचायतों का विकास किया गया 1 और ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक पच्ायत और जिला स्तर पर जिला बोडे का गठत किया गया 1? सामुदायिक विकास बोजना और राष्ट्रीय प्रसार सेवाओ्रो पर एक के बाद एक मसूल्याकन प्रतिवेदन मे इतर कार्यक्रमों की असफलता का वर्णम किया गया । জানব মী আত ससद के बाहर इन कार्यक्रमों की अत्यधिक आलोचना वी गई झौर বহি লাল, करते, की, वात, कदी. गत्ये, * ज्यतत्परि, १०.५० के, न्यरत्यदसाय, मतुः न्द, अध्यक्षता में एक समित्ति नियुक्त की गई + इस समिति का कार्ये इन योजनाझो का ६ करके कार्यात्मक व सगठनात्मक कमिया बताते हुए सुधार के झुझराव देना समिति ने भी यह बताया कि ग्रामीण जनता से ये कार्यक्रम स्थानीय रूचि _ कर पाए हैं। दल ने अपने प्रतिवेदन से कहा कि “जब तक हम एक एव लोक्सन्त्रीय सस्था का निर्माण्ण नही करते जो लोगो मे इतनी




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