पुराणों में वंशानुक्रमिक कालक्रम | Puranou Me Vanshanukrmik Kalkram

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Puranou Me Vanshanukrmik Kalkram  by कुवरलाल जेन व्यासशिष्य - Kuvarlal Jain Vyasashishy

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कुवरलाल जेन व्यासशिष्य - Kuvarlal Jain Vyasashishy

Add Infomation AboutKuvarlal Jain Vyasashishy

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१५ गृत्समंद ४५६३-४, काशेयवंश ५९४, धन्व, ` धन्वन्तरि, केतु- मान्‌ ५६५, काशिराजं दिवोदास, श्तदेन ५६६-६६, क्त्र प्रातदंव और दाशराक्षयुद्ध ६०२ अलग ही क्षत्र बहद्रथादिवंश ६०४; पांचालवंश ६१०, तेघा पांचाल ६११ उदयकाल ६१३, भृम्यश्वसन्तति पाचाल ६१३, मुदूगल और मौद्गल्य ६१४, दिवोदास, मैत्रायगसोम ६१६, सृजय, सुदास (घोमदत्त ), सहदेव, सोमक ६१७-८; दक्षिणपांचालबंशावली, ब्रह्मदत्त, विष्यकृसेन ६१९, भल्लाटद (दुर्मु्षपांचाल) ६२०, दौर्मुखि जनमेजय ६२१ ८. यादवादिवंश --- ६२३-६६० तुबंसुबंध ३२३, दुह्म वंश ६२४, अनुवंश या आनवक्षत्रिय- गण ६२४ तितिक्ष सन्तति ६२७, महाशाल भौर महामना और उशीनर ६२०, वैरोचन बलि (अंग राज) ६२९, भङ्खवश ६३०, यादव्बंश-हैहयवंश ६३१, हैहय, महाहय य। माहेय ६३२, कार्तवीयं सहलबाहु अर्जुत ६३५, राज्यकाल ६३६, जमदरिनि ६३८, गुरु-असितकाश्यप ६३६, शासक जामदस्स्य- राम ६३६, सप्तद्वीपेश्वर अर्जुन ६४०, अर्जुन के वंशज ६४१ कोष्ट्वश ६४१; शशविन्दु ६४२; शाशबिन्दवं ६४३; विदभे वश ६४५; चेदिवंश ६४६; क्रथवश ६४७; सत्वतवंश- मधुबंध ६४८; हरिवंशमें यदुद्वधि तीय (माधव) की वंशावली ६५१; सत्वत्वंशके प्रधान पुरुष ६५४; वमुदेवसन्तति ६५०; वासुदेवकूष्णसन्तत्ति ६६०;




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now