पुराणों में वंशानुक्रमिक कालक्रम | Puranou Me Vanshanukrmik Kalkram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
849
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१५
गृत्समंद ४५६३-४, काशेयवंश ५९४, धन्व, ` धन्वन्तरि, केतु-
मान् ५६५, काशिराजं दिवोदास, श्तदेन ५६६-६६, क्त्र
प्रातदंव और दाशराक्षयुद्ध ६०२ अलग ही क्षत्र बहद्रथादिवंश
६०४; पांचालवंश ६१०, तेघा पांचाल ६११ उदयकाल
६१३, भृम्यश्वसन्तति पाचाल ६१३, मुदूगल और मौद्गल्य
६१४, दिवोदास, मैत्रायगसोम ६१६, सृजय, सुदास
(घोमदत्त ), सहदेव, सोमक ६१७-८; दक्षिणपांचालबंशावली,
ब्रह्मदत्त, विष्यकृसेन ६१९, भल्लाटद (दुर्मु्षपांचाल) ६२०,
दौर्मुखि जनमेजय ६२१
८. यादवादिवंश --- ६२३-६६०
तुबंसुबंध ३२३, दुह्म वंश ६२४, अनुवंश या आनवक्षत्रिय-
गण ६२४ तितिक्ष सन्तति ६२७, महाशाल भौर महामना
और उशीनर ६२०, वैरोचन बलि (अंग राज) ६२९, भङ्खवश
६३०, यादव्बंश-हैहयवंश ६३१, हैहय, महाहय य। माहेय
६३२, कार्तवीयं सहलबाहु अर्जुत ६३५, राज्यकाल ६३६,
जमदरिनि ६३८, गुरु-असितकाश्यप ६३६, शासक जामदस्स्य-
राम ६३६, सप्तद्वीपेश्वर अर्जुन ६४०, अर्जुन के वंशज ६४१
कोष्ट्वश ६४१; शशविन्दु ६४२; शाशबिन्दवं ६४३;
विदभे वश ६४५; चेदिवंश ६४६; क्रथवश ६४७; सत्वतवंश-
मधुबंध ६४८; हरिवंशमें यदुद्वधि तीय (माधव) की वंशावली
६५१; सत्वत्वंशके प्रधान पुरुष ६५४; वमुदेवसन्तति ६५०;
वासुदेवकूष्णसन्तत्ति ६६०;
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