विधवा विवाह उपन्यास | Vidhva Vivah Upanyas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
212
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१३)
3४ सर्वपामेकभोजनकराय नमः ( नेवेश्रप्त )
उ्े मोक्षमागेविध्येसकाय नम ( अचमनस )
३४ अवतारनिपेधाय नम; ( तविलस )
ॐ गोवचर्भविक्रयकराय नमः ( पगीफष्म् )
35 शिव्पशाब्रोपदेशिने नमः ( बस्रम् )
३४ घोश्कलिप्रवत्तेकाय नम ( द्रव्यदक्षिणां )
ॐ मह्मधोरथ्तमागेभचरितकराय, सनातनधर्मविनिन्द्-
काय, सत्य आत्मज्ञान निवत्तकाय, वेदब्राह्मणसंत
विमुखाय, अधथमे स्व॒रूपाय, आत्मोपदेशे मतिमंदाय
विरोध ऋृतानां बहुरंगाचायंगपोंडानंदाय नमः । '
यह प्रार्थना करके ध्यानम्-- |
चेदिक धम्मे निवार पाप पाखंड वदाया ।
निन्दे मृतिं पुराण अर्थं प्ये मन भायो ॥
विधवा व्याह कराय पुरातन रीत नसा |
वणे मेद् विनिवार नमसते करी कराई ॥
तेरी चमार कोरी खु छघ्रु जातन आरन करो ।
धर्म कर्म मति पुण्यकी मक काहि अव संचसे ।
६ +~.
वानयाग,
३४ अस्य श्री गपोड मंत्रस्य वहरंगाचार्य ऋषि अविरतक्षर्ण
छंद:।कलियुगानन्द देवता, विरोध वीजम्, अश्रुचिश्ञक्ति३,
पूत्तता कीलकम्, श्री कलियुगानंद प्रीये जे
विनियगः । ( इतना करके )
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