जागरणम् | Jagaranam

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jagaranam by रामचन्द्र - Ramchandra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामचन्द्र - Ramchandra

Add Infomation AboutRamchandra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
° * याचना है माँ | तुम मुझे अपनी कृपा का पायेय प्रदान करो, जिससे कि मैं अपनी जीवन-याना में उल्लास-पूर्वक आगे बढता रह ॥ १ मुझे ऋषियों वा तप एवं त्याग प्रदान करो, तथा मेरे समस्त मोह को नष्ट कर दो । मेरे शरीर को नम्रता से भर दो, तथा मेरा अखिल अभिमान दूर कर दो ॥ २ हैं माँ! तुम अपनी परम अनुरक्ति प्रदान करके, मुझ अंकिश्चन को कृत-कृत्य करदो , तथा इस ससार की निरन्तर सेवा करते रहने के हेतु, मेरी शक्ति में भी वृद्धि कर दो ॥ ३ मात ! भेरी समस्त भेद-भावना को दूर भगादो, विपय- परता को गान्त करदो, तथा मेरे हृदय म प्राणि-माश्न के प्रति वन्घृत्व का विस्तार करदो ॥ ४ अष्टु भ.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now