खवग - सेढ़ी | Khavag - Sedhi

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Khavag - Sedhi by विजयप्रेम - Vijayprem

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सब्वादकीय [ 18 (३) मूलना प्रतीको * ” आवा एकब्रडा अवतरणचिह्न (सिंगल इनवर्टेड कोमा)नी अन्दर की मोटा अक्षरों (बोल्ड टादपोमां आप्या छ. (४) मूलना जे शब्दोनु विवेचन करवामां आव्यु छे, ते शब्दों संस्कृतभाषामां परिवर्तित करी एकबडा अवतरणचिह्न (सिंगल इनबर्टेंड कोमा) मां झुक्षया छे. (५) वाचकोनी सगवड़ माटे अल्पविराम पूर्णविराम प्रश्नचिह्द बगेरे यथास्थाने म्ुकवामां आव्यों छे. (६) प्रमाणतरीके उद्धृत पाठों बेबडा अवतरणचिह्न (डबल इनवर्टेडकोमा)मां की मोटा अक्षरो (बोल्ड टाइपो) मां आप्या छे, (७) प्रमाण तरीके निर्दिष्ट ग्रन्थ तथा ग्रन्थकारोना नामों मोटा अक्षरो(बोल्ड टाइपो)मां आपवामा आग्या ह. (८) जमणी बाजू हेडिंगमं अधिकारनु नाम तथा ते ते विषयनु खचन कयु छे। डी वाजू प्रस्तुतग्रन्थनु' नाम अने गाथाड़ू बचव्यों छे, (९) विषयनी शिक्ष समजुती माटे ४० चित्रो अने ष्रिषयन याद रावा २७ यन्त्रो आपवामोा आव्पा छे, (१०) मोकषस्वरूपविचार नामना दाशनिक प्रकरणमों नैयायिक वगेरे दर्शनकारोना पूरवपक्षनु ज्यां खण्डन करवामां आव्यु छे, त्यो पानानी नीचे लीटी दोरी पू्वेपक्षनी दलिलोनों पंक्तिना अंक सहित पृष्टाह आप्यो छे. (११) ज़िपयानुक्रम विस्तृत बनावबामां आव्योछ, जेथी बांचकों सम्पूर्ण ग्रन्थना जिपयने यरलनाथी याद राखी शक्रशे अने ग्रन्थान्तना संशोधकोी इ्टिषयनु' अविक निरीक्षण करी शफर. जरूरों परिशिष्टो--- (१) प्रथम परिशिष्टमां क्षपक्रश्नेणिग्रन्थनी २७१ मूलगाथाओ अपी छे, (२) बीजा परिशिष्टमां अकारादिक्रमे गाथाओनो आद्रपदो आप्या छे, (३) गाथाओ जे जे छंदोमां बनात्री छे, ते ते छंदोनां नामोनो निर्देश त्रीजा परिशिष्टमां कर्यो छे. (४) प्रमाण तरीके उद्धृत ग्रन्थोनां नामोनो उल्लेख चोथा परिशिष्टमां क्यों छे, (५) प्रमाण तरीके निर्दिष्ट प्रन्थकारोनां नामो पांचमा परिशिष्टमां जणाव्या छे. (६-७-८) आ त्रण परिशिश्टोमां अनुकमे व्याकरणमत्रों, न्‍्यायो अने गणितकरणब्त्रो दर्शाव्यों छे, (९) आ परिशिष्टमां शतकचूणि उपर पूज्य आ० म० श्री सुनिचन्द्रसूरीनश्बर महाराजे र्चेखा रीप्पणनो थोडो अस्युपयोणी भाग आप्यो छे,प्रस्तुत स्जवगसेटो प्रन्थमां किडिगुणकार बगेरे पदार्थोतु समन करतो आं रिप्पणनो মান षणो महष्षनो छे,




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