आचार्य चतुर सेन का कथा साहित्य | Acharya Chatur Sen Ka Katha Sahitya

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Acharya Chatur Sen Ka Katha Sahitya by शुभकार कपूर - Shubhkar Kapoor

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{ १ এ ११५, ३ इतिहास रख के कल्पना प्रधान उपन्यास ११५, ও इतिहास और किवदतियों पर आधारित उपन्यास ११५, ५ केवल ऐतिहासिक वातावरण को साकार करने वाले उपन्यास ११५, दूसरा वर्गकिरण --११५, ९ प्रागैति- हासिक एवं रामायण कालीन ११५ २ जैन बौद्ध प्रभाव के गुप्त सौर्यादि युग से सबधित ११५, ३ मध्ययुग से सवधित ११५ ४ सुगल कालीन ११५, ५ अंग्रेजी राज्यकाल के प्रारभ स वर्तमान तक ११५, सामाजिक उपन्यास ११६, मनोवैज्ञानिक उपत्यास ११६ १२२, वैज्ञानिक उपन्यास १९२ १२३ आचायें जी की कहातियों का वर्गीकरण १२४-१२५, १ ऐतिहासिक १२५, ३ सामाजिक एवं राजनीतिक १२५, हे मनोवैज्ञानिक १२५, ४ विविध १२५। अध्याय ३ आचायं चतुरसेन के उपन्यासो के कयानक १२७-१३५ कथानक की परिभाया १२९, कयानक का महत्व १२९, कथानक की प्रमुल विशेषताएँ १३१, क्रमबद्धता एवं सुगठन १३१, रोचकता १३१, प्रबध कौशल १३२, मौछिकता १३२, सभावना, १३३, कथातक के आधार पर उपन्यासो का वर्गीकरण १३४-१३६, १ शिथिर वस्तु उपन्यास १३४, ३ सगठित वस्तु उपन्यास १३५-१६६, आचार्य जी के उपन्यासों की कथा वस्तु का काल ऋ्रमानुसार विश्लेषण हृदय की परख १३६-१३९, हृदय की प्यास १३९-१४०, पूर्णाहति (खवास का ब्याह) १४०-१४२, बहते आँसू (अमर अभिलापा) १४२-१४५, आत्मदाह १४६-१४९, नीरूमणि १५०-१५१, वैशाली की नगर- वधू ४५२-१६१, नरमेध १६१-१६२, रक्त की प्यास १६३-१६४, देवागना (मदिर की नतंकी) १६५ १६६, दो किनारे १६६-१६७, अपराजिता १६४८- १७१, भदक बदल १७१-१७२.-जाल्मगीर १७२-१७६ सोमनाय १७६-१८६, धर्मपरुथ १८६६-१९०, बय रक्षाम १९० १९८, गोखी १९८-२०३ उदयास्त २०३-२०५, आभा २०५-२०७, काले पानो २०७-२०९ वेगा के परख, २०९-२१३, खग्रास २१३-२१६, सल्यादि की তানি হ£ছ २१८, विना चिराग का शहर २१८-२२०, पत्थरयुग केदो बुत २२०-२२४, सोना ओर खून २२५-२३० मोती २३०-२३३, भावाय जी ते केथानको को कुछ मौलिक विरोषताए २३३-२३५ 1 शि ॥ श्रघ्याय ও आचार्य चतुरसेन को के उपत्यासों के पाछ्र ओर चरित्र चित्रण २३२५-२९५ चरित २३९० प्रत्रो का यर्गीकरण र४२, चरित्र चिचरणकी शैलियाँ २४२.




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