तत्त्वार्थ सूत्र - जैनागमसमन्वय | Tattwarth Sutra - Jainagamasamanway

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ ) है ? इस विषय को स्पष्ट करने के लिये द्वी वर्तमान प्रन्थ विद्वत्समाज के सम्मुख रखा जा रहा है । इसका यह भी उदेश्य है कि विद्वान्‌ लोग आगमो के खध्याय का लाभ उठा सकें । इस ग्रंथ में सूत्रों का आगमों से समन्वय किया गया दै ¦ इसमें पहले तत्त्वाथेस्त्र का सूत्र, फिर आगम प्रमाण, उसके पश्चात्‌ उस आगम पाठ की संस्कृत छाया और अन्त भे श्रागम पाठ की भाषा यका दी गई है, जिससे पाठकवगं श्रागम शरोर सूत्र के शब्द्‌ श्रौर अर्थो का भली प्रकार ज्ञान प्राप्त कर सके । सुत्रों के सामान्य अर्थ इस प्रंथ के अंत में परिशिष्ट नं० २ में दे दिये गये हैं । यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि इस ग्रन्थ में दिये हुए आगम प्रमाण आगमोद्धार समिति द्वारा मुद्रित हुए आपगमों से दिये गये हैं । पाठकों के सम्मुख सूत्र के पाठ से आगमों के पाठ का




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