हमारा देश भारत | Hamra Deash Bharat

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Hamra Deash Bharat by श्री श्याम मोहन त्रिवेदी - Sri Shyam Mohan Trivediसरदारीलाल बजाज - Sardarilal Bajaj

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सरदारीलाल बजाज - Sardarilal Bajaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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छ क्यों बनाई जाती हैं? ढालों पर खेती करना कठिन है ॥ इसलिंए यहाँ लोग भेड़ बकरियाँ पालते हैं। पशुश्रों की | रक्षा फे लिए वृत्ते भी पाले जाते है । लघु हिमालय के उत्तर में महाहिमालय पर्वतश्रेणी है। ५ 286 522 221 इसकी ऊँचाई के कारण में संसार भर में प्रसिद्ध हूँ। मेरा “6227! पदिचमी और पूर्वी हिस्सा तो तुम्हारे देश में है परन्तु बीच রঃ 1 का एक बड़ा भाग नेपाल देश में है। मेरी दो सबसे ऊँची # चोटियाँ--माउँट एवरेस्ट और कनचिनजुंगा--इसी भाग 50 में हैं। माउँट एवरेस्ट संसार की सबसे ऊंची चोटी है। क मारत मे स्थित मेरी चोटियों में नन्‍दादेवी, नंगापवेत, व एवरेस्ट ১ चोमोल्हारी आदि प्रसिद्ध हैं। मेरा यह भाग सदा बर्फ से ढका रहता है । बपं धीरे-धीरे नीचे को खिसक-खिसक कर घाटियों में आगे बढ़ती है। इन्हें हिम-नदियाँ कहते हें। मेरी ऊँची-ऊँची चोटियों पर चढ़ कर विजय प्राप्त करने के लिए दूर-दूर से लोग भ्राते रहे हँ । भारतवासी तेनसिहं शेरपा और न्यूजीलेड के टिलेरी १६५३ मे पहली बार माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचे थे। कहीं-कहीं पर मेरे इन ऊँचे पहाड़ों में घाटियाँ और उनके निचले भागों मे तंग सकरे रास्ते हैं। इन तंग सकरे रास्तों को दर्रा कहते हैं। इन्हीं रास्तों से लोग दूसरी पव॑तमालाओं में पहुँचते हैं। ऐसे ही एक दर्र से होकर तुम कश्मीर की घाटी में पहुँच सकते हो। इसे बनिहाल का दर्रा कहते हे । इन तंग पहाड़ी रास्तों की चढ़ाई बहुत कठिन होती है। कभी-कभी ऐसे बहुत तंग रास्तों पर से गुजरना पड़ता है जिनके एक ओर ऊँचे पहाड़ और दूसरी श्रोर हज़ारों मीटर गहरे गड़ढे होते हैं। इसलिए इन पर बहुत ही सम्भल कर चलना पड़ता है । फिर भी घाटियों मे रहनेवाले लोग इन मार्गो से ही श्रनाज, उन, नमक आदि चीज़ें दूर-दूर से अ्रपती और जानवरों की पीठ पर लाद कर आते-जाते हैं। मानचित्र में ध्यान से देखो। पदिचिम में हिन्दूकुश




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