शिक्षा आयोग कोठारी कमीशन | Shiksha Ayog Kothari Kamishan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५.
বলি তি ++ তি তো 1 ডি রাত। ২ বক “1 का लक जल लक. आम पक
अत्यधिक अभाद है \ शिद्षाकों के वेतनों और ठेवा-प्रतिबन्धों (8९४0८
(००भ्रध०७) में वाधित परिवर्तन नहीं हुआ और शिक्षा की बनेकों
भहृत्त्वपूर्ण समस्यायें अमी तक उग्र विवाद के विषय बनी हुई हैं ।
सारांश मे, शिक्षा की सस्यात्मक (0०७०४/७0४८) वृद्धि तो हुई है, पर
गुणात्मक (0०७॥७50₹८) नहीं । इसके अतिरिक्त, झिलला को ग्रुणात्मक
उच्नति के लिये राष्ट्रीय नीतियों और कार्य-क्रमों को लागू नहीं किया
जा छका है।
भारत-्सरकार फो इस दात का पूणं विश्वास है हि शिक्षा--राष्ट्रीय
सपृद्धि और कल्याण का आधार है । देश का जितना हित शिक्षा से हो
सकता है, उतना किसो दूसरी वस्तु से नहीं । अतः सरकार ने शिक्षा
का प्रतिष्ठापत करना निश्चय किया है। सरकार ने विज्ञान और
प्रौद्योगिकी के सब साधनों का उपयोग करने का भी निश्चय किया है ।
पह केव उत्तम और प्रगतिशील शिक्षा के आधार पर किया जा सकता
है। अतः सरकार ने शिक्षा और वैज्ञातिक अनुस॒शात पर अधिक से
अधिक घने ब्यय करने का निश्चिय किया है ।
शैक्षिक विकास के सम्पूर्ण क्षेत्र को जाँच की जानी बादछ्दनीय हैं, क्योकि
शिक्षा-प्रणात्री के विभिन्न अग एक-दूसरे पर प्रबल प्रतिक्रिया करते हैं
और प्रमाव डालते हैं। विश्वविद्यालयों को ठब तक शिक्षा के शक्तिशाली
और प्रगतिन्नील केर्द्र नहीं बनाया जा सकता है, जब तक कि उत्तम
माध्यमिक स्कूल न हों ओर माध्यमिक स्कूल उत्तम तभी होगे--जब
प्राषमिक विद्यालयों का शुचारु रूप से सचालते किया जायगा । भतः
शिक्षा के सम्पूर्ण क्षेत्र को, वे कि कुछ अगो की जाँच की जानी आव-
एयक है | पिछले समय में अनेकों आयोगों और समितियों ने शिक्षा के
विशेष अंगों ओर क्षेत्रों का अध्ययत किया है। इसके विपरीत, अब
शिक्षा के सम्पूर्ण क्षेत्र का एक इकाई के रूप में सूद्म अध्ययन किया
जाना है।
भारतीय शिक्षा का नियोजन भारतीय अनुमद और दशाओं को ध्यान
में रखकर किया जाता आवश्यक है, पर मारत-सरकार के विचार से
यं बाछनोय है कि अन्य देशो के छ्िक्षाविदों और वैज्ञानिकों के अनुभवों
ओर विचारों से भी लाम उठाया जाय ; इसका कारण प ই কি জাজ
के संसार के समो देश बतेकों कारणों से एक-दूसरे के निकट आते जा
रहे हैं औौर मी देशों का एक सामान्य उद्देषय है--उचित प्रकार की
शिक्षा की खोज ।
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