व्यावसायिक संदेशवाहन एवं विक्रयकला | Vyavasayik Sandeshvahan Avam Vikrayakala

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Vyavasayik Sandeshvahan Avam Vikrayakala by बी. एस. माथुर - B. S. Mathur

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बी. एस. माथुर - B. S. Mathur

Add Infomation About. . B. S. Mathur

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ध का दूसरा तक पहुंचाया एस प्राप्त जिया जाता है श्ौर जिसने फलस्वरूप पारस्परिक ममभ तथा राहमनि व तिए झाधार सुकभ होता हु परिभापायो वा ध्यान में हुए हम कह सबत हैं दि “स्देश- चाहन बह प्रतिया है. जिसमे दो पा दो से श्रथिक व्यक्ति श्रपने तथा इन सन्दशी से सम्दधित विचारों, सम्मतियो, सका, तथ्यों, एव श्रादि का श्रादात प्रदान करते हैं। दंग सम्दन्य मे यह याते श्रत्यन्त महत्त्व की है कि से देशयारत वह है जिससे मदेश मंजन वाजा तथा प्राप्त बरने बात सना सह वो एस ही से समभ । पिसी व्यफ्ति वो कोई वात यह दना ही नहीं है यरिय मरकव दस याते वो है वि उस वही गई वात वो प्राप्तवर्ता ने मी मत मे समभ पिया है जिंग से रादेश देन या भजन बारे मे रामभा है । हा फितु यह यात भी रहें प्रात बरा वार थे पिचार राव्देश व तो यर बाय तही है । सन्देशवाहन के लक्षण (( उप उस परिभाषाय्रा ता थिशट विवेवन परने स सदशवाहने पे निम्न लक्षण प्रकट होते हैंड 1 यह एक (८०९५) हेननसदेशवाटन एस पिध्ियत एय प्रकिया है जिगम प्रपव एवं दा सटन्यप्ूण पस होते हैं। प्रपव प्रपना सस्देग प्रसिति वो भेजते समय एव निश्चित विधि वा प्रयोग वरता है श्रीर प्रपिति श्रपनी प्रतिश्रया ययते बरत हुए सूत प्रपक का गन्दंश मेजता है । ततपदचान्‌ वह मृत प्रपक भी म्रपना पुन बोद से दा भजता हैं । उस प्रार व्यावसायिए मे यह प्रक्रिया निरतर रुप स चतती ही रहती हैं । 2 सदेशवाहन मे सूचनाएं एवं समझ सम्मिलित होती है (10 11070 का रा द्वितीय महत्वपूग लक्षण यहू है कि सदेश बाहन से सूचनाएँ एय गमभ भी सम्मिलित हाती है । वास्तव मे. सदेग वो. शब्दों व श्रसुसार ने समभयर उसकी मायना व अनुसार ही समभा जाना चाहिये । यदि सादा वे सन्दश या श्रय नगाया जाता है ता एसा सब्दश वाशिरत परिगाम उत्पन्न नहीं बर रारेंगा । 3 सन्देशगाहून पी बोलते एवं सुनने वाते की फुशलता पर विभर करती है--सम्देगबाहन वे सम्न प में यह भी एप सशत्वपुग्ग तथ्य है कि उसयीं लिवर का पे. उ5 है | 0 दिट फाण्टटइडट55टड ठप स्रोटी घर 00१ 20 गा बा स्थिर का! 0




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now