मुद्रा विनिम भाग 2 | Mudra Vinim Bhag-2

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Mudra Vinim Bhag-2 by एस॰ आर॰ रैलन - S. R. Railan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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~= ४ २ ७ चिपत्र केवज्ष कुछ मानी एवं विश्वसनीय झ्ाहकों के ही स्वीकृत किये जाते हैं जिससे थाहा (भपटः) को मी उस विपन्नके बारे में पूर्ण विश्वास हो जाता हैं। यह प्रथा इमारे देश में प्रचलित नहीं है किंतु विदेशों में इस प्रथा का पर्याप्त प्रचार है जहाँ पर इस का के लिए विशेष संस्थाएं নবীন বাহ ৫4১০০০6০0০9 চ100505) के नाम से भस्तिल में हैं । -६, श्रदिकोप अपने आइकों के होने वाले आहकों की आर्थिक परिस्थिति संबंधी जानकारी प्राप्त कर अपने ग्राहकों को उसकी सूचना देते हैं, भ्र्धात्‌ जिनसे उनके ग्राहक व्यवहार करना चाहते हैं उनकी वास्तविक स्थिति कैसी है यह बतलाते हैं । इससे उनके आहरको को बड़ी सुविधा होती है । श्रधिकोपो फी उपयुक्तता उपयुक्तं विवेचन से अधिकोर्पों के कार्य तथा सेवा का महत्व स्पष्ट हो जाता ह (किसी भी देश फ निश्पयोगी एवं त्रिखरे हूए घन को अधिकोप एकत्र लाकर उसकर श्र!योगिक णवं विनियोग कार्यौ मे लगते ह तथा साथ ष्टी साथ ই जनता में बचत की आदुत का भी निर्माण करते दै । दस प्रकार देश सें श्रौयो- गिक पनी का निर्माण कर भ्रौद्योगिक विकास में सद्ायक दते ह । थॉमस के शब्दों में “अ्रधिकोष साख पत्रों का चलन नियंत्रित एवं संगठित करते हैं, वे श्रग्रिम एवं छण फे रूप मे श्रधिकोप निर्मित साख का नियमन करते है, णद्‌ पूजी (10904016 (थ्‌ ) को गति देते ह वथा उसका वित्य शवं सदुपयोग संमव करते हे, वे चलन की जव धर जहाँ आवश्यकता होती है वदं नियोजन करते द वया ध्रधिक चलन केशरो से दुलभ छोत्रों में लन्‌ का स्थामांतरण करदे ह ! | (इस प्रकार श्रधिकोष जिन लोगों के परस ऋण देने के लिये पर्याप्त घन है तथा जो कोग ऋण लेना चाहते हैँ उस दोनों फे बीच मध्यग (14৭150190 ) का कार्य करते 1 जो धन निस्पयोगी रूप से पढ़ा रहता है उस घन को औद्योगिक विकास कार्यों में लगते हैं। अ्धिकोर्पा से जिस सुविधा- से ऋण मिख सकता है उससे उद्योगों एवं कारखानों को उत्तेजन ৯ এটাও 0৫026 গাম ০0160] 06 15545 2710. তাহাতে 0 0201. ॥7प्राध्ाशा5, प्ट) वद्या पट इवापरम 6০5, 06016 ঠা 06 ঠা, 06 220217025 0120. 10205) 06) प्लवा 06 7/055010616 01 100716 00101, 2৮ হাতত 20551611061 05071600) 01215500076 7৩ 0৫907/25 06) 17051৫6 ০7076) णीशा 070 60616 16151607160, ৪070 ५ ~. ২ 50015 ০৮ তা पणा) 50716. 0760, 10 110065 00 015 3:02 ण |. 17770116 ग 8001६, 55 5. ©. वगाप, `




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