विन्ध्य क्षेत्र एवं गांगेय मैदान की प्रागैतिहासिक एवं आद्यैतिहसिक संस्कृतियों के अन्तर्सम्बन्धो का अध्ययन | The Inter Relation Between The Prehistoric And Posthistoric and Protohistoric Cultures of the Vindhyas And the Gangatic Plains

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The Inter Relation Between The Prehistoric And Posthistoric and Protohistoric Cultures of the Vindhyas And the Gangatic Plains by शिवांगी राव - Shivangi Rao

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ध के मध्य सक्रमण कालीन चट्टाने भी मिलती है। श्रेनाइट और नीस चट्टाने मुख्य रूप से झांसी ललितपुर तथा हमीरपुर का दक्षिणी भाग बादा पठार तथा मिर्जापुर के सिंगरौली आदि जिलो में पायी जाती है। 2. विन्ध्यन क्रम के पूर्व अथवा अरावली के बाद निर्मित होने वाली चट्टानें दतिया के उत्तरी भाग तथा छतरपुर बीजावार क्रम मे देखा जा सकता है। इसे सक्रमण क्रम के अन्तर्गत विस्थापित किया गया है। यह क्रम सोन नदी के दक्षिण और ललितपुर के दक्षिणी किनारे पर पायी जाती है। इसमे बालू प्रस्तर एव चूना पत्थर की चट्टानों के स्तरो के अन्दर लावा प्रविष्ठ है। बीजावार क्रम मे कठोर एवं कोमल चडट्टानें उदाहरणर्थ क्वार्टजाइट बालू पत्थर तथा ग्रेनिटिक बालू पत्थर उपस्थित है। 3 तृतीय प्रकार की चट्टाने विन्ध्यन क्रम से सम्बन्धित हैं। ये चट्ठाने बुन्देलखण्ड ग्रेनाइट को अर्द्धवृत्त के रूप मे घेरे हुए है। इसके अन्तर्गत बालू पत्थर और चूना पत्थर की अवसादी चट्टानों की प्रधानता है। विन्ध्यन क्रम का विस्तार चम्बल से सोन नदी तक है। इसे दो क्रमो मे बाटा गया है 1 निम्न विन्थ्यन क्रम सेमरी श्रुखला 2. उच्च विन्ध्यन क्रम निम्न विन्ध्यन क्रम निम्न भागों मे वर्गीकृत है अ बेसल स्टेज ब पोर्सलानिट स्टेज स खेजुआ स्टेज द रोहतास स्टेज उच्च विन्ध्यन क्रम तीन निम्न भागों मे वर्गीकृत है अ कैमूर सीरीज ब रीवा सीरीज स भाण्डेर सीरीज चतुर्थ चट्टानों का क्रम आधुनिक निक्षेप के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है। इनमे नदी एवं न




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