चाय की प्याली में पहेली | Chaay Ki Pyali Mein Paheli

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Chaay Ki Pyali Mein Paheli  by दीपंकर होम - Depankar Homeपर्थ घोष - Parth Ghosh

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पार्थ घोष - Parth Ghosh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रसोईघर का सिंक जब जाप अपने रसोईघर मे जायें तो सिंक का नल खोलिए । आप देखेंगे कि सिंक से टकराने पर पानी एक पतली परत के रूप मेँ कुठ दूर तक फलता है । उसकं बाद पानी की परत > की मोटाई अचानक बढ़ जाती है जिससे गिरती हुई धार के आसपास पानी की एक गोल 1 दीवार बन जाती है। समतल फर्श पर गिरती पानी की धार से भी इसी तरह की दीवार | बनती है । आपने इस दृश्य को अनेकं वार देखा होगा । क्या आपने कभी यह सोचा कि - ऐसा क्‍यों होता है? शहद की समस्या एक बोतल में से धीरे से शहद उड़ेलिए । अगर आप शहद की गिरती हुई पतली धार को एक चाका से रोकेंगे तो आप पायेंगे कि चाकू के ऊपर शहद की धार सिकुड़कर वापस बोतल में चली जायेगी। शहद को तेजी से न गिराकर उसे एक पतली धार के रूप में टपकने दें। आपकी राय में यह गुरुत्व के विरुद्ध प्रभाव कैसे उत्पन्न होता है?




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