देश दर्शन | Desh Darshn

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Desh Darshn  by रामनारायण मिश्र - Ramnarayan Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पर १४ नवम्बर १६६५४ ह० को अपने हस्ताक्षर क्िये। इस विधान के अनुसार डनमाक का राजा पूण अधिकारी हो गया। राजा ने प्रतिज्ञा क्रिया कि वह डनमाक को संगटित रकखेगा ओर वहाँ पर ईसाई धमं का प्रचार जारी रवखेगा | डनमाक में ऐसे नागरिकों को भी अधिकार दिये गये। नगर के लोग अपने प्रतिनिधियों को पालिया- मेन्ट पे चुन कर मेन सक्ते थे | पालियामेन्ट में भेजने वाले नगर बरघेर कहलाते थे। इस प्रकार नागरिकों को कार प्राप्त हुआ और वह राज-काज में हाथ बटाने लगे । १६७४-७६ ३० तक उनमाकं को स्काने युद्ध ओर १७०० से १७२० ३० तक स्कडीनेविया कौ बड़ी लडाई लडनी पड़ी । प्रौशरिक चतुथं ने १६६६-१७३० ३० तक राञ्य किया था। उसने १७२१ १० में सेल्ज्रविग के कुछ भाग पर अधिकार कर लिया | इससे सेल्जविग के इयक तथा डेनमाक के राजा में शन्रता हो गई । १७६१ ३० में ड्यक रूस का राजा बना और उसका नाम पीटर तृतीय हुआ | डेनपाक और रूस के बीच उस समय युद्ध की सम्भावना उत्पन्न हो गई। इस कारण डेनमाक को हथियार बन्द होना पड़ा। परन्तु रूस के ( १३ )




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