साहित्य सन्देश | Sahitya Sandesh

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Sahitya Sandesh by गुलाबराय - Gulabrai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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, पचित प्रगातेशील मार्सक ঘ 'परिजात! में क्या रहता है-- #-- नवीन सांस्कृतिक जांग्रति को प्रोत्ताहित करने वाले लेख । $--राष्ट्रीय ओर अन्तराष्ट्रीय समस्याओं का विचारोत्तेज क विवेच $#--कविताएँ, नाटक, निबंध, यात्रा-बणंन ओर आलोचनाएँ आई पारिजात' ने कुछ ही महीनों के अपने जीवन में लब्ध-प्र। पाहित्य-सेवियों का सहयोग प्रात्त कर लिया है । कुछ के नाम हैं :- | श्री हजारीपसाद दिवेदी खामी मवानीदयाल संन्यासी श्री अन्नेय ` श्री गुरुदयांल मरिलिक श्री नंदहुलारे वाजपेयी. श्री रामदहिन मिश्र श्री शिवपूजन सहाय श्री राभवृत्त बेनीपुरी प्री वचनः श्री जगन्नाथप्रसाद मिश्र श्री (दिनकर! श्री जानकीवल्लभ शास्त्री श्री राधाकृष्णु श्री रामहकवालसिंह राकेशः श्री केशरी! ` श्री रामेश्वर शुक्ल अंचल! श्री उदयशंकर भट्ट श्री हंसकुमार तिवीरी श्री प्रभाकर माववे री रांगेय राघव सषादश्च विश्वमोहन सिन्हा, देवकुमार मिश्र आरजात फेवल अध्ययनपूर्ण और मनोर॑जक मासिक ही नहीं, हमारी मानसिक खत्थता के लिए : अपश्यक, उतसाहवढक ओर जीवनोपयोगी पत्र है । ५ शीघ्र ग्राहक बनें पाके पल्य ৪) : ৬ प्रत्येक शङ्कं ॥* ০ अन्यमाल|-कार्यालय, - वाभेपुर, पटनां




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