जागते को कौन जगाये | Jagate Ko Kon Jagaye
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हायते को कौन जगाये ग
दिया, हमने जच चाहा तच उने पन्तो दना दिया, हमने जव वाहा तव उते वनवा
मिनी सीता बना दिया, हमने जब चाहा तव उमे यारी प्रौर प्रहित्या बना दिया
त्तो हमने नव घाटा तव उने प्रपनी युक्तिता से वेश्या, देवदासी ग्रौर जवानी ट्योढी
वो बाईजी बना दिया ।
बी हमारे समाज ने लड़की के बाल विवाह को शोभनोय मान लिया तो
दुभी पति के मरने पर देवर प्लौर जेठ से उसको वधने पर मजबूर कर दिया। शौर
तो সী दन्दावन, काशी प्रौर प्रनेक धर्मंतीयों पर झ्लाज भी विधवापों को विलाप
बरतने बे लिये हमीने तो छोड़ा है। बषा हमारा स्त्री बेः प्रति नजरिया बदला है ?
पदि नहीं बदला है तो रूपक्रवर का सजरिया बदलने के लिये शहर से बँठे वीरबल
की तरह सिचड़ी पदाने से दया लाभ होगा ? प्राज तक किसी ने भी सत, सती और
भूरमापो कौ चष्टानहौकीश्रि महिलाश्रो षो उनके पुरुप निर्मित नर्क से बाहर कंसे
निकाला जाय । दिवराला वे घनतपढ श्रज्ञानियों को श्राज तक किसी ने घर-घर
जाकर पटे क्यो नहीं समझाया कि तुम धू घट छोडो, दहेज छोढों, पढो-लिखों, थान-
देवरे तोडो भौर ध्रममानता के लिये तथा जीवन विकास के लिये सोचो-समभो ।
शहर वाले ज्ञानी है प्रौर गाव बाले श्रज्ञानी हैं, यह मिथ (भ्रम) ग्राखिर
कव तक्र वना रटेगा । यह् शहर भी तो कभी गाव ही था । इस शहर में पढ-लिपकर
भी कोई गावो में धौर प्पने परिवारों मे महिलाप्रो को नये जन्म का रास्ता क्यों
नही बताता । शहर के किस्त विश्वविद्यालय ने सती सस्थानों के मायांजाल पर शाध
की है, किये पाद्यक्म में दहेज, बहुविवाह्, प्रौसर-मोसर, वालविवाह আ্সীহ মতী জর্দা
बुरीतियों पर कुछ जोहा गया है। हमने किस विधवा को सम्मान से जीने मे मदद
को है । हम सब इसलिये शरीके जुम है तथा हमारी सामाजिक, राजनंतिक प्रौर
प्राधथिक व्यवस्था शताब्दियों से इन जड़ताग्रो को घमं, जाति और सम्प्रदाय की नंगी
तलवारों के मीचे सीचती ग्राई है । नो हजार की भश्रावादी वाले दिवराला गांव में मौ
श्रादमी भी रूप कंवर को सती बनाये जाने से नही रोक सके | यह स्थिति इस बात
वा प्रमाण) है कि हमारी यह पुलिस, प्रशासन, कोर्ट-कचह री, नेता, भ्रभिनेता, लेखक,
प्रकार, संवके सब महिलाप्रो को सामूहिक वेइज्जती के जिम्मेदार हैं धौर हर पुरप
बे भीतर बैठा एक सामस्त, समय प्राने पर रुप बबर को सती बनने के लिये बाध्य
करता है 1
जिस राजस्थान मे महिला शिक्षा का प्रनिशत देश मे सबसे बम हो, जिस
प्रदेश मे ग्रपनी सुरक्षा के लिये नारियो को जौहर करना पड़ा हो, जिस प्रात में
सड़बी षो जम्मते ही मार दिया जाता हो, जिस धरतो पर सस्त्रिया मोलो रेगिस्तान
में चलकर पाती का घड़ा लाती हो, जिस राज्य मे लडकियों बा पदना लिखना भौर
पर्दा छोड़ना पाप और विद्रोह माना जाता हो उस समाज के संस्कार को प्रौर विचार
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