स्त्रियों के कर्तव्य | Istariyo Ka Kartvy
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
244
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दूसरा परिच्छेद
स्त्रियों के शरीर की रक्षा
ले पष्लोपरिच्येय के पढ़कर हमारी बहने अपने मूल्य के भली-
भाँति समझ गयीं होंगी । स्तियों के अपने सूल्य और महत्त्व
का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। जय तक हम अपने मूल्य के
थे सममेंगी और अपना मदत न जुनेंगी, तव तक दम लोग
अपनी किसी प्रकार की उन्नति नहीं कर सकतीं, ऐसो दशा में
हमारा देश कभी उन्नति नहीं कर सकता] देश के उन्नत और
स्वतंत्र बनाना बहुत छुछ हम लोगों की उन्नति पर निभेर है ।
जब स्त्रियों का महत्व और उनका मूल्य इतना अधिक है कि
उनके बिना संसार सूना हो सकता है, तव हमें अपने इस महत्व
की रक्षा करता चाहिए और सच प्रकार से अपना जीवन ऊँचा
बनाना चाहिए ! मेरी इस बात के पढ़कर बहनें साचेंगी कि-
आखिर हमें सब से पहले किस बात में उन्नति करना चाहिए?
इसके उत्तर में मैं यही लिखूँगी कि सब से पहले दमें अपने शरीर
की रक्ता का ध्यान रखना चाहिए।
यदि इमास. स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, हम नीरोग नदीं है,
ओर हमारा चित्त प्रसन्न नहीं है तो हम अन्य किसी भी चात में
अपनो उन्नति नहीं कर सकतीं | इसलिए सव से पहले हमें अपने
User Reviews
No Reviews | Add Yours...