मधुशाला | Madhushala

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Madhushala by हरिवंश राय बच्चन - Harivansh Rai Bachchan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ध्द मुख ये तू अविरत कहता जा मपु, मदिशा, माइक हासा, हाथों में अनुभव करता जा एक सलित बल्यित प्याता, ध्यान शिए जा मन में सुमपुर शुभकर, शुदर शाक़ी प1, सौर बढ़ा एल, दथिक,स तुभको दूर. सेगी . सदुशासा । धरा पीने थी शपिलाइए ही बन जाए जद होता, अदरों थी बादुरता थे ही जब धार्भाटिग हो प्टाता, बने प्दान हो आनेजरने छेद शात्री शादएर, से, दे मे हातती, प्राण, सकी, हुसे दिनेरी . बदुशरणा।




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