उत्तर प्रदेश की महिला पुलिस कर्मियों की कार्यदशाएँ सफलताएँ तथा समस्याओं का समाजशास्त्रीय विश्लेषण | Uttar Pradesh Ki Mahila Police Karmiyon Ki Karya Dashaye, Safataye Tatha Samasyaon Ka Samajashastriy Adhyayan

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Book Image : उत्तर प्रदेश की महिला पुलिस कर्मियों की कार्यदशाएँ सफलताएँ तथा समस्याओं का समाजशास्त्रीय विश्लेषण  - Uttar Pradesh Ki Mahila Police Karmiyon Ki Karya Dashaye, Safataye Tatha Samasyaon Ka Samajashastriy Adhyayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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करने के सुझाव दिये है। इनके विचार मे पुलिस प्रशिक्षण से लेकर शीर्षस्थ प्रशासन तक मे आमूल-चूल परिवर्तन आवश्यक है | 10) विकासशील समाज ओर पुलिस इस ग्रथ के लेखक जी० राम रेड्डी ओर के° शेषाद्री है इन लेखको ने इस पुस्तक मे भारतीय समाज मे हो रहे तीव्र परिवर्तनो का उल्लेख किया है । इसमे भारतीय समाज पर पचवर्षीय योजनाओं के प्रभाव का भी उल्लेख किया गया है । भारतीय समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप पुलिस की व्यवस्था के न होने का उल्लेख करते हुए इन्होने, पुलिस विभाग मे मनोवैज्ञानिक परिवर्तन करने के सुझाव दिये | (11) पुलिस की छबि कैसे सुधारे यह पुस्तिका श्री के० एस० माथुर द्वारा लिखी गई है जो लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश पुलिस और दिल्‍ली मे पुलिस विभाग के उच्च पदों पर काम कर चुके है। इस ग्रथ दीर्ध अनुभव का परिणाम है। इसमे भारतीय पुलिस को अधिक सक्षम, सक्रिय, मानवीय और सगठित करने के विविध तरीको का उल्लेख है। लेखक के विचार मे पुलिस जनता का स्वामी नही, सेवक है। यह पुस्तक सरल भाषा मे लिखी हुई हे तथा पठनीय है | (12) भारतीय महिला पुलिस श्री जगदीश प्रसाद आर्य दारा लिखित यह पुस्तक महिला पुलिस के बारे मे विस्तृत जानकारियाँ प्रस्तुत करती है। इसमे भारतीय महिला पुलिस के सगठन का इतिहास उसके कर्तव्यो, अधिकाय तथा कार्यकलापो का अच्छा विवरण है| 1991 तक की महिला पुलिस की स्थिति के अनेक प्रकार के आकडे भी इस ग्रथ मे मिल जाते हे। आज दूरिर्यो सिमटकर छोटी हो गईं हे। जनसामान्य अनेक प्रकार की समस्याओ से धिरा हुआ है। महिलाओ से सम्बन्धित अपराध बडी सख्या मे हो रहे हे । महिलाये भी अपराध की ओर अग्रसर हो रही है। लेखक ने इन तमाम सन्दर्भ का आकलन करते हुए महिला पुलिस के बारे मे एक अच्छी स्वना प्रस्तुत की है। [4]




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