हिंदी सदियों से राजकाज में | Hindi Sadio Se Rajkaj Main
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
42 MB
कुल पष्ठ :
208
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रशासन व्यवस्था / ३
अन्तर्गत अनेक गाँव हों” सही है। यह आज भी इसी रूप में प्रचलित है ।
फौजदार : अरबी में फौज शब्द स्त्रीलिग है जिसका अर्थ सेना, बल, वाहिनी,
“लश्कर है। फौजकशी का अर्थ दृश्मन के देश पर चढ़ाई है। ईस्ट इण्डिया कम्पनी के
काल मे भी इस पदनाम का उल्लेख मिलता है ।
हाकिम : यह् अरवी शब्द है जिसका अर्थ है पदाधिकारी, शासक, सरदार
জাছি। इसलिए यह पदनाम परगने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि वह परगने
-का सर्वेसर्वा होता था ।
शिकदर : अरबी/फारसी का पुल्लिग शब्द 'शिकदार' है जिसका अथे क्षेत्र-
विशेष का पदाधिकारी है।
खजांची : ये कोष रखने तथा रुपया जमा करते ओर व्यय करने का विवरण
रखते थे । खजांची शब्द अरबी|फारसी का है जिसका अथं खजाने का हिसाब-
किताब रखनेवाला है । यह् शब्द आज भी ज्यो-का-त्यो प्रचलित दै । मेवाड़ में इसे
कोषपति कहते थे ।
राज्य के तत्कालीन अधिकारियों मेंसे कतिपय पदनास--लेखक, पोतदार,
कोतवाल, लेखेदार, मुनीम आदि थे ! प्राचीन परम्परानुसार बने रहे पदों में
प्रधान! पद महत्त्वपूर्ण था। यह राजा से दूसरे स्थान पर था जो शासन, सैनिक-
कार्यो ओर न्याय में राजा की सहायता करता था। मेवाड़ के महाराणा उदर्यासह
के प्रधान ग्राह आशा ओर महाराणा प्रतापसिहु के भामाशाह थे । संस्कृत के प्रधान
शब्द का अथं सर्वोच्च अथवा श्रेष्ठ है । यहु विशेषण है । किन्तु संज्ञा के रूप में भी
प्रयुक्त होता है । तब इसका अथं नेता हे ।
कहीं प्रधान के होते हुए और कहीं न रहते हुए राज्य का सर्वोच्च अधिकारी
दीवान होता था जो मध्यतः अथं विभाग का अध्यक्ष होता था। उसके कार्योमें
मुख्यतः आधिक कायं, कोष भौर कर-संग्रह् के काये थे ! दरोगा, रोकडिया, मुंशी,
-पोतदार आदि उसके अधीन होते थे ।
लेखक : यह वर्तमान लिपिक के लिए प्रयुक्त प्राचीन शब्द है ।
लेखेदार : यह वर्तेमान लिखाकार' का प्राचीन रूप है जिसे संकर शब्द कहा
जा सकता है क्योकि इसमें लेखा शब्द संस्कृत ओर दार' शब्द अरबी/फारसी का
२ हे | |
मुनीम : अरनी में 'मुन्इम' शब्द विशेषण है जिसका अर्थ इन्माम देनेवाला,
'पुरस्कारदाता, समृद्ध, धनाद्य से है । किन्तु हिस्दी शब्दकोश (नालन्दा विशालं
शब्द सागर) में इसे हिन्दी का शब्द लिखा गया है जिसका अथं आय-व्यय का
हिसाब रखनेवाला लिपिक बताया गया है। वतंमान सन्दर्भ में यह पद दुकानों,
व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आय-व्यय लेखक के रूप में ही प्रयुक्त हो रहा है।
पोतदार : फारसी में फोत:दार (पुल्लिग) शब्द का अर्थ खजानची, तहसील-
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