छायालोक | Chhayalok
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
86
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जिस पर मुसकाती रुूप-किरण
मुमसे वह दूर किनारा है।
जीवन का मुग्ध शलम में था
तम कौ रमा मं उड आया
प्राणों की बलि देकर, न
किसी के प्राणों को बहला पाया
तम का यह मौन गहन कानन
जिसमें सम जीवन और मरण
ভবানী আবী मन की ज्वाला
भी छू तम की शीतल छाया
अब तो नयनों में क्षण भर भी
मलका करती मधु प्यास नहीं
जिख प्र लहराता है जीवन
मुमसे वह दूर किनारा है |
হাসার
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