महाभारत (उद्योग -पर्व ) | Mahabharat (Udyog Parv)
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
59 MB
कुल पष्ठ :
960
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय | म# भापा-टीका-लद्दित # (७)
सदस्नशो5न्ये युधिप्ठिरो यान् चिपद्देत जेतुम् ॥ १०॥ उर्चृञ्य तान्
सोयलमेच चायं समाह्यत्तेन जितोऽक्षवत्याम् । स दीत्पमानः प्रति
देवनेन अक्षेषु नित्यं तु पराङ् मुखेषु ॥ १९ ॥ क्षरमाणौ ` विजितः
प्रसद्य तत्रापराधः श्द्नेने करिचत् । तस्मात् प्रणम्येव वचो লীন
वैचित्रवीर्यं बहुसामयुक्म् ॥ १२॥ तथा .हि श्तण्यो. धतराषटपुत्रः
स्व थि नियोक्त्' पुरषेण तेन। अयुद्ध माकांश्चित कोरवाण साम्नैव दुर्या-
धनमोहयध्वम् ॥ १३ ॥ सामना जिंतोडर्थाथंकरों भवेत युद्ध नयों
भविता नेद सोऽथः ॥ १४ ॥ वेशस्पायन उचाच | पव॑ त्र चत्पेव मधु
प्रवीरे शिनिप्रवोीरः सहसोत्पपात | तच्चापि घाकय' परिनिद्य तस्य
समाददे वाक्यमिदं समन्युः ॥ १५॥ छ ऊ |
ति श्रीमहाभारते उद्योगपवंणि सेनोद्योगपर्वणि
.“. . बलदेववाक- द्वितीयोऽध्यायः ॥२॥
रियोको कि-जिनको युधिष्ठिर हया सकते थे उनकी खेलनेके लियेन
वुखाकर छुयलङे पुत्र शकुनिको ही छंजा खेनेके लिये. चुलाया था.
भौर प्रतिपक्षीके सामने ज्लुज खेलतेड्डुए युधिप्ठिर हांरंगये उनके फॉँसे
जब तले ऊपर उलूटे दी पड़ने लंगे तब राजां युधिप्टिर -क्रोधमे भर
गए तब शकुनिने उनको हरा दिया, इसमें शकुनिका किसी प्रकारका
भी दोष नहीं है, अतः यहाँसे एक दूतको विचित्रवीयके पुत्र धतरा
के पास भेजें वह उनके प्रणाम करके-जिसमें परंस्पर मेख. हे जाय
ऐसी शोन्तिको बांतें कहे ॥ ९-१२॥-शांतिके घचन कट्द कर তুল
धृतराष्ट्रके पुत्रसे अपना पुंयोज्ञन सिद्ध करलकेगा, अतः जिसमें तुम
व कौरवोमे परस्पर युद्ध ने हो ऐसी इच्छो करो और' दुर्योधनके
साध सन्धि हेाजाय उसको पेखा ही निमन्त्रण भेजे ॥ १३॥ जो
कार्य मिलझुंडकर: किया जाता है धद अर्थदेने वाला दितकारी होता
है ओर विनां विचारे युद्ध करनेसे अन्याय खड्. दोजायगा परन्तु
पिचारपू्वंक कामः करनेसे अन्याय न होगा ।) १९ ॥ वेशम्पायन
कदते हैं कि-हे जनमेजय | इसप्रक्तार मधुयंशर्म मद्दाचीर चलदेवजीके
अपना अभिप्राय जताने पर शिनिक्का पुत्र महावीर सात्यको एकसाथ
तडक कर खड़ा होगया और क्रोध मरकर यलदे वजीर वचर्नोकी
यड़ो भारी निदा करता हुआ अपना अभिप्राय प्रकट करने लगा १५
छ्वितीय अध्याय समाप्त 1 २ ॥
(कजा कचा दि त सकचा -क थ र र फ सि -> स स उ फ सकि) भ चो कर का নস
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