हाईस्कूल स्तर के मूल्य , व्यक्तित्व तथा समायोजन का प्रतिबल पर प्रभाव का अध्ययन | Highschool Astar Kay Mulaya VyaktitvaTatha Samayojan Ka Pratibal Par Prabhav Ka Adhyayan

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Highschool Astar Kay Mulaya VyaktitvaTatha Samayojan Ka Pratibal Par Prabhav Ka Adhyayan by सुनीता मिश्रा - Suneeta Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(४/९।-9८118) कं लिए खतरा पैदा करती हैँ । परंतु इस प्रकार की परिस्थितियों कुसमायोजन, असामान्य व्यवहार अथवा मानसिक विकार में सदैव मुख्य मिका नष्टौ निभाती हं। किसी चुनौती के सामने आने पर हम अतिरिक्त प्रयास करते हँ एवं अपने सभी संसाधनों तथा समर्थन प्रणाली को सक्रिय कर उस चुनौती का सामना करते हैँ । सभी चुनौतियों, समस्याओं तथा कठिन परिस्थतियों के कारण हमें प्रतिबल (८७७) का अनुभव होता हे हम इन तिबलों क प्रति कई तरह से अनुक्रिया करते हैं| इनमें से कुछ विधियाँ परिरथतियौ से निपटने मं सहायक होती हैं जिससे हम चीजों को अपने नियत्रण में लाने में सक्षम होते हैं अथवा परिस्थितियों को बर्दाश्त कर लेते हैं अथवा कम से कम हमारे स्वस्तिबोध पर पडने वाले ऋणात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। प्रतिबल के प्रति इस प्रकार प्रभावी विधि से अनुक्रिया करना ही सामना करना (0०७७9) या समाधान कहलाता हैं। यह कहा जा सकता हैं कि समायोजन समाधान का परिणाम होता है। सामाजिक समायोजन का तात्पर्य एक ऐसी दशा से है, जिसमें हम सामान्यतः दूसरे व्यक्तियों कं साथ समायोजन करने मँ सक्षम होते है, विशेष रूप से उस समूह के साथ, जिससे हम जुड़े होते हैं। सामाजिक रूप से समायोजित व्यक्ति सामाजिक संबंध बनाने मे कुशल होता है उसकी दूसरों के होती है। जब बच्चे बड़े होने लगते है, तो उनसे सामाजिक जीवन की अपेक्षाओं के प्रति समायोजित होने एवं अपने आयु वर्ग ० अ ल 1 টি बारे में सकारात्मक सोच पर निर्भर करता है। किस सीमा तक कोई व्यक्ति सामाजिक समायोजन प्राप्त




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