देवी जोन | Devijon

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Devijon by धनीराम प्रेम - Dhaniram Prem

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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३ पहला परिश्डे ही, छल से ओर्लेन के ड्यूक का बध करा दिया। इसे घटना के बाद ही ड्यूक ऑफ वगण्डी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और वह लोए नगर मे रहने के लिए चला गया । गरुडो के इक के इस कृत्य ने फ़ान्स का जो सवनाश किया, बह अकथनीय है ओर फ्रान्स के इतिहास पढ़ने बालों को ही उसका पूरा पता चल सकता है। इस कृत्य न फ्रान्स को कई भागों में और कई शक्तियों मे विभाजित कर दिया और इस प्रकार अंगरंज़ो को फ्रान्स में अपने पैर फैलाने का अवसर दिया । ओर्लेन का ड्यूक दुश्वरित्र ओर कोशली था, इसमें सन्देह नहीं । परन्तु साथ ही बह अँगरज़ों का कट्टर शत्र था और उनस लोहा लेने के लिए सदा तैयार रहता था। दूसरी ओर बगण्डी का इ्यूक अंगरेज़ा का सहायक था। इस कारण उसकी मृत्यु का दुस्य उन सभी व्यक्तियों को हुआ, जो अँगरज़ो के विरुद्ध थे। इस प्रकार देश में दो देल बन गय । एक तो उन व्यक्तियों का, जो अंगरेज़ों के पत्त में थे: इनका नेता था बगंण्डो का ड्यूक और इस दल वाल “बगण्डियन” कहलाते थ। दूसरा दल उन व्यक्तियों का था, जो अगरंज्ञा के विरुद्ध थे ; इनका नेता था आम्मागनाक का कारण्ट और ये कहलाते ये धह्यामांगनाक' ।




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