गरुड़ध्वज | Garud Dhvaj
श्रेणी : हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
72.97 MB
कुल पष्ठ :
182
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र -Shri Lakshminarayan Mishr
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न न खामरा
हाँ कई बार और वहाँ तो बड़ा ज॑जाल है
दर 0 (न
..... बह सारा जंजाल बहद्थ शोर उसके पूर्वजों ने खड़ा किया 1.
रे भर प्रजा का घन उस जंजाल में बहता रहा श्र इघर ' बैठ गया
है सन में किसी दिन उन गुफाओं में जाकर आग लगा दूँगा ।
(कोष से ददक कर ) वहाँ बह काले पतवत सा एक बुड्ढा है
. जो रात दिन मदिरा में चूर कबतर सी आँख लेकर ड्म, ग्डिम
..... विडिमू, डम्ू बोलता रहता के नाम पर बस उसकी जीभ
चलती रहती है । मुश्डित केश. किशोर '्ोर किशोदियाँ ज
दि देखिये वहीं छी”””इन सब ने लज्जा भी छोड़ दिया है ।
किन्तु तथागत तो. सारी माया मोह छोड़कर, ख्री और पुत्र
_ (उसका दाथ पकड़ कर ) तुम्हें तीन दिन हल्दी लगी। ..
वहाँ व जो अमण हैं...
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