हरियाणा के रोहतक मण्डल में सर्व शिक्षा अभियान की प्रभावशीलता एवं उसे प्रभावित करने वाले कारक | Hariyana Ke Rohatak Mandal Men Sarv Shiksha Abhiyan Ki Prabhavshilata Evm Use Prabhavit Karane Vale Karak
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
128 MB
कुल पष्ठ :
279
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बढ़ाने वाले कुशल कारीगर तैयार करने के एक उपकरण के रूप में संकुचित कर दी गयी है।
1.2 अध्ययन शीर्षक द
प्रस्तुत शोध-प्रबंध में हरियाणा के रोहतक मण्डल में सर्व शिक्षा अभियान की प्रभावशीलता
का मूल्यांकन उसकी लक्ष्य प्राप्ति, प्रबंधन प्रशासनिक समस्याओं एवं परिव्यय के संदर्भ में किया
गया है। अभियान के उद्देश्यों को तथा प्राथमिक शिक्षा के उद्देश्यों को मापदंड मानते हुए अभियान
कौ प्रगति कौ प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना शोध-प्रबंध का प्रमुख उद्देश्य रहा है। कुछ
सामाजिक-आर्थिक कारक जैसे परिक्षेत्र की स्थिति, विद्यालयों का आकार, शिक्षक-लिंग व जाति
के संदर्भ में अभियान की प्रभावशीलता व अन्य पक्षों का तुलनात्मक अध्ययन भी शोध-कार्य के
अंतर्गत किया गया है। शोध शीर्षक निम्न प्रकार हैं :
हरियाणा के रोहतक मण्डल में सर्व शिक्षा अभियान की प्रभावशीलता एवं उसे प्रभावित
करने वाले कारक
1.3 महत्वपूर्ण पदों की परिभाषा
शीर्षक में प्रयुक्त तकनीकी शब्दावली की परिभाषाओं को शोधकर्ता द्वारा निम्न रूप में
परिभाषित किया गया है।
सर्व शिक्षा अभियान : सर्व शिक्षा अभियान से अभिप्राय यह है कि 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों
को अनिवार्य, प्राथमिक एवं निःशुल्क शिक्षा हेतु उनका नामांकन करना एवं उन्ह सन् 2010 तक
कक्षा 8 की शिक्षा में सम्मिलित करना है।
प्रभावशीलता : प्रभावशीलता से तात्पर्य सर्व शिक्षा अभियान का उसकी लक्ष्य प्राप्ति, प्रबंधन,
समस्या प्रबंधन व परिव्यय की दृष्टि से प्रभावशील होना है। शोध में प्रयुक्त विभिन्न मापनियों पर
उत्तरदाताओं से प्राप्त अंक कार्यक्रम प्रभावशीलता के इन पक्षों को प्रदर्शित करते हैं।
लक्ष्य प्राप्ति : लक्ष्य प्राप्ति से अभिप्राय यह है कि इस हेतु अध्ययन उपकरण-' लक्ष्य प्राप्ति मापनी '
मे प्रयुक्त सभी पाचों आयामो यथा-(1) अधिगम उपलब्धि (2) सहगामी क्रियाएं (3) संस्थागत
परिवेश (4) छात्र नियमितता व सेवाएं तथा (5) जागरूकता के संदर्भ मे कार्यक्रम कौ प्रभावशीलता
का मापन करना। इन सभी पाचों आयामो पर उत्तरदाताओं के प्राप्ताक कार्यक्रम के इस पक्ष को
प्रभावशीलता के सूचक है । `
प्रबंधन : प्रबंधन से अभिप्राय इस हेतु अध्ययन में प्रयुक्त ' प्रधन मापनी' के सभी पाचों आयामो
यथा-(1) नियोजन (2) व्यवस्था (3) अग्रसरण (4) मूल्याकन तथा (5) समन्वय के संदभं में
User Reviews
No Reviews | Add Yours...