त्रैवर्णिकाचार | Traivarnikachar

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Book Image : त्रैवर्णिकाचार  - Traivarnikachar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय. অধীন জাহি तीन प्रकारके वलोका सब क्रियाओंमें निषेध अधौत सह वख जलमे व्च निचोढने ओर खाटपर सुखाने का निषेध वख सुखानेके स्थान व्र न निचोढने ओर क्षामे न देने योग्य दिनि गीलावख्र उतारनेकी विधि (९) के पृष्ठ, १९ ५६ অভ এও च्‌ ५७ एक वन्न पहनकर भोजनादि कृरनेका निषेध ५७ वेच पहननेका कम भौर वर्का प्रमाण पहनने ओर न पहनने योग्य व्च अधोवच्च ( धोती ) पहननेकी विधि वर्णक्रमसे वचर परिधारण नियम पहनेके वच्रको ओदने ओर ओदने के वश्धकों पहननेका निषेध दो वच पहन-ओदकर धर्मकाय करनेकी विधि निर्धनोंके लिए विधि वच्र निचोड़नेकी विधि सात ल्लान प्रातः स्नान कर्ने असमर्थ हो तो विशेष विधि गर्म जलकी प्रशंसा शीत जलसे स्नान न करनेके प्रसंग उष्ण ओर गर्मजलको परस्पर मिलानेका निषेध घरपर पांच क्रिया करनेका निषेध अंत्यज्यों द्वारा खोदे हुए कुए आदिसे जलूमरनेका निषेध जलनिर्गमन, वच्च प्रोक्षण ओर क्न धारण करनेके मंत्र आचमन करनेकी आवश्यकता अष्वमनके विषयमें विशेषकथन ই ५८ ५८ ५८ ५९ ५९ ५९ 9 ६० ६० &० ६० &० ६० ६१ ६१ . ६१ चर्‌ र्‌ विषय. आचमन करनेकी विधि आचमनके बारह अंग ओर पंड्ह क्रियाएं आचमनर्मे हेतु प्राणायाम. प्रणव ओर ओकारमुद्रा प्राणायाम आदिके लिए स्थान. रजश्वला नदियां ओर शुद्ध नदियां रजोदोष का अभाव, नदी-लक्षण, वक्ष दर्भ. दर्भं निकी तिथि. पूजाढे योग्य दर्भ. कुशोंके आभावमें अन्यदूर्भ. सम्पूर्ण धर्म कृत्योम कुशोंका उपयोग, उनके अमावमे एव निषिद्ध कर्म द्वस दर्भसखरीदनेका निषेष अहण का निषेध, पविन्रकका लक्षण पवित्रके विषयमे विशेष पवित्रकके भेद, पवित्रक पहननेकी उगलियां आमृषण पहननेका विधान ओर निषेध, संध्याचमन संबंधी मंत्र प्राणायाम मंत्र अधोपासनविधि । बेठने न बेठने योग्य आसन जप ओर उसकी विधि जप्रमालाके भेद्‌ प्रत्येक जपके लक्षण ओर उनका फल जपके विषयमे विशेष कथन




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