इतिहास लेखन में राजस्थानी सम्पादित ग्रंथो की उपयोगिता | Itihas Lekhan mein rajasthani sampadit grantho ki upyogita

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Itihas Lekhan mein rajasthani sampadit grantho ki upyogita by हुक्मसिंह भाटो - Hukmsingh Bhato

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सम्पादित प्रौ की उपयोगिता { 15 बोध कराती है। इसम पाबू रठौढ जसे लोक देवताप्नो के जीवन গীত সাহহা সুমী का दिग्दशन भी हुमा है कच्छुवाह राजवश -- सयात में कच्छवाहो की वशावली গাবিলাহামথ से राजा मानरविह्‌ के पौत्र सहि (174) तक दीह तथा भरे कच्छवाहो কী विगतमे रामचद्रजीके গু चुश से कच्छवाहो फए भादुर्भाव होना लिखा है रजा नते के पुत्र दोना ष्य खालियर बसाने और मारवणी के साथ विवाह करते वा उल्लेख है पर तु इन शासको का समय नहीं दिया है। राजा भारमल राजा भगवानदास, राजा मानसिह महसिह भादि के बारे म॑ बेवल ववाहिद सम्ब'्घो श्रौर उपकी सतति से सर्म्बा धते जानकारी दो है। इनके वशजायो कितने गाव पटटे मे मिले तथा कौन किस अभियान में काम भाया इसके बारे में रुयाव महत्त्वपूण सामग्री सजोए हुए है ॥* मुख्य रुप से ये वशावलिया कच्छवाह सामतो के इतिहास अ्रध्ययन हेतु उपयोगी हैं । कच्छवाह राजाप्रो के बारे म “बात शीपक की कोई रचना नही मिलती है। केवल वशावलियो मे उतके वशश्रम को दर्शाने का प्रयास हुआ है ५ यद्यपि इस राजवश के विस्तृत इतिहास की जानकारी हँतु यह रूवात इतनी उपधोगी नहीं है तथापि कच्छवाहों के इतिहास सम्बधो कुछ रिक्त कडिया को जोडने मे यह रूयात एक भाषारभूत स्रोत के रूप मेमाय है। पवार राजवश -- इस श्यात म॑ पवारा की बशावली पवार परूरव से राजा उदयचनद्र तकदीहै। राजा उदयचाद के पुत्र पाल व माधवदेव को क्रमश प्राबू भ्रौर पादण का स्वासी हीना लिछा है) प्रवारों की बात में बराइमेर और उमरकोट के सोढां पवारों का विवरण दिया है । रूणकोट के साखलो को पीढिया भौर उनकी कुछ मुख्य उपलब्धियों का विवरण दिये* जाने में इतिहास लेखन के लिए उपयोगी है। महाराणा कुस्मा साखलो का दोहिता था । इस प्रसग से साखला भौर दघवाडिया चारण सेवाड़ से अतकर बसे ( इस प्रकार के भ्नेक सूत्र रूयात म उद्छृत्त हैं जो नव इत्तिहास लेखन भे उपप्ोएी घिद्ध हो सकते हैं । पवारों के राठौडो माटियो और गहलोतो के साथ कसे सम्प घ रहे इसका उद्घाटन भी ख्यात के सूत्र करते हैं । पारकर व ऊमरकोट के सोढा पवारो की रूयात४ भे वहाँ के मुरुष शासकों के ववाहिक सम्बध्धों और जधलमेर के मादियों के साथ हुए भगडा का उल्लेख हुभा है । মার [ই के 58 79 बयात 1 प 286 332 महौ प 336 353 बही पु 355 362 ২৯৮১ ৯০৯




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