मंडलप्रभात | Mandalprabhat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
122
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अहिसा
मह्नतप्रभात
२९.७.३०
सत्यकी, अहिंसा की राह जितनी सीधी
है उतनी ही तद्ग भी है; खांडे की घारपर चलने
के समान है | नट बड़ी सावधानी से जिस डोर
पर.चल सकता है सत्य और अहिंसा की डोर
उससे भी पतली है। ज़रा चूके कि आये नीचे
घमसे | पहनपकू की साधना से. ही उसके दशेन
होते हैं ।
लेकिन संत्य के सम्पूर्ण दशन तो इस देह
से असम्भव हैं । उसकी केवल कल्पना भर की
जा सकती है। णिक देह द्वारा शाश्वत यमं का
साक्षात्कार सम्मव नहों होता। इसलिए अन्त में
&
User Reviews
No Reviews | Add Yours...