मनुस्मृति | Manusmriti
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
552
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अरणम्
' वृधा बाद न कुर्यीत् ... १३९
बषःकालादावज्ञातेन सह ने
गरन्तव्यम्ू ... ,.. १४०
हीनाक्ाद्क्षेपनि०. ... १४१
उच्छिश्स्पशंसूयोदिदशेने १४२
खकीयेन्दरियस्पर्शादी ... १४४
मङलानचारयुकतः स्यात् १४५
वेदाध्ययनस्य प्राधान्यम् १४६
अष्टकाश्राद्धययवरयं का-
यम् ১, 88
अभ्नियृदेदूरनो मृच्रायुन्सर्मः
१५०
१५१
पूर्वहि क्लानपूजादि ,,. १५२
पर्वसु देवादिदर्शनम् ,.. १५३
आगतब्रद्वादिमत्कारे ... १५४
शरतिस्शत्युदिताचारः आर्यैः १५५
आचारफलम् .,. - १५६९
दुराचारनिन्दा ... ০০০ ৭৮৩
जआचारप्रशसा ... ... १७५८
परवशकर्मे त्रागादी १५५९५
चित्तपारितोषिक कर्म का० १६०
आचायोदिहिंसानिषेध: १६१
नास्तिक्यादिनिषेधः ... १६२
परताडनादिनिषेध: ... १६३
आशद्यणताडनोयोगे.... १६४
ब्राह्मणताडने ... ... १६५
आह्यगस् शोणितोत्पाद १६६
अधार्मिकादीनां न सुखम् १७०
अधर्मे मनो न निद्ध्यात् १५७१
शनेरधर्मफलोत्पत्ति: ,.. १७२
रिष्यादिशासने ० १७५
अर्थकामल्यागे ... ... १७६
पाणिपादचापल्यनि० ... १७७
कुलसार्गगसनम्ू_... १७८
ऋत्विगादिभिवीदं न कुयात् १७९
शोकाः
चतुथोऽध्यायः ।
धम् | प्रकरणम् का:
१५७ | एतैर्विवादोपेक्षायां फठमाह १८१
अतिग्रहनिन्दा ७०० ৯» १८ ६
१५७ | विधिमक्ञात्वा प्रतिप्रहो न
१५७ | कार्यः ह
१५७ | मूखस्य खर्णादिप्रतिप्रहे
१५८ | बडालअतिकादी दाननि-
१५८ | वेधः १९२
१५८ | बैडालब्रतिकलक्षणम् ... १९५
| बकब्रतिकलक्षणम् ... १९६
१५९ तयोर्निन्दा १९७
१५९ | आयक्षिसे बश्षना न कायो १९८
१५९ , टेन पध्रताचरणे १९९
१५९ | छलेन कमण्डत्वादिधारणे २००
१५९ । परङृतपुष्करिष्यादिलाने २०१
१५९ । अदत्तयानादिभोगनिषेधः; २०२
१६० | न्यादिषु लनं कर्तव्यम् २०३
१६० | यमनियमा =... «-« २०४
१६० | अश्रोन्रिययज्ञादिभोजननि-
१६० ¦ षेधः
१६०
१६०
१६५ |
1८७
৭৫৫
৫৪
७४०
1 ०७९ २०५
| श्राद्धा केशादिसंखष्टं न
। अजीत ... „. २०७
| रजखलास्पृशयमन्ननिषेध:
१६१ गवाप्रातगणिकादन्न च॒ नि-
१६१ | षिद्धम् ... ..- २०९
१६१ | अभोज्यानि सेनादयन्नानि २१०
१६१ : राजायब्रभोजने मन्दफ-
१६९ | लम् | * ५१८
१६२ | तेषामन्नमोजने प्रायधित्तम् २२२
१६२ ¦ शद्रपक्कान्ननिषेधः .., २२३
१६३ , करद्यश्रोजियवाधुषिकाने २२४
१६३ | भ्रद्धादत्तवदान्यवाधषिकाश्रे २२५
१६३ | श्रद्धया यागादिक यात् २२६
१६३ | श्रद्धादानफलय्... ... २२७
१६२ | जलमूमिदानादिफलम्... २२८
চে
२०८
११
श्ध्म्
१६४
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१६५
१६५
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