तत्त्वज्ञान | Tatvgyan

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Book Image : तत्त्वज्ञान  - Tatvgyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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७ ४१ दुखी हो तो ( आजनी ) आजीविका जेदली आशा राखी आजना दिवसमा प्रवेश करजे ४२ घमकरणीनो अवश्य वखत मेढ्वी आजनी व्यवहार सिद्धिमा तु प्रवेश करजे ४३ कदापि प्रथम प्रवेशे अनुक्ता न होय पो पण रोज जता दिवसनु स्वरूप विचारी आजे गमे त्यारे पण ते पवित्र वस्तुन मनन करज ४४ बाहार, विहार निहार ए मवधीनौ ठारी प्रक्रिया तपासी आजना टिवसमा प्रवेश करजे ४५ तु कारीगर हो तो आस भने शक्तिना गेरउपयोगनो विचार करी जई आजना दिवसमा प्रवश क्रजे ४६ तु गमे ते घघार्थी हो परतु आजीविकार्थे भयाय॑ सपन द्रय उपाजन करीश नहीं ४७ ए स्पृति ग्रहण बर्या पछी शोच क्रियायुत्त थई भगवद्‌ भक्तिषा छीन थई क्षमापना या ४८ ससारप्रयोजनमा जो छु तारा हितने अर्थे अमुक समुदायनु महित करी नाखतो हो तो बटक्जे ८९ जुलमीने, कामीने, अताडीने उत्तेजन जापतो हो तो अदकजे




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