ग्रामोद्योग और उनकी शब्दावली | Gramodyog Aur Unaki Shabdavali

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Gramodyog Aur Unaki Shabdavali  by हरिहर प्रसाद गुप्त - Harihar Prasad Gupta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( श्ट ) ६--गृहोद्योग ( श्र ) पुरुषों से संबंधित सुतली कातना, १४५ । रस्सी बनाना, १४५-१४८ । चारपाई बुननाः 3४८-१४९ । कोश्रा बुनना, १४९-१५० । खाँचा-खाँची बनना, १५०- १५१ । गोनरी बुनना, १५१ । गृहोद्योग ( आ ) स्त्रियों से संबंधित मिट्टी के सामान जनाना) १५१-१५६ । सूत कातना, १५३-१७५७ | जोति पीसना, १५५-१५७ । चाकी-चकरी दरना, १७५७। दान भू जना; ११७-१७५५९ | सीना~पिरोना, १५९ । पखा बुनना, १५९ १६० । मूज के सामान बनाना, १६०-१९६१ | खणड २ शब्दानुक्रमणका- उ्युत्पत्ति सहित, १६५-२६० । सहायक अंथ सूची २६१ । ৩৫৩৩৪ ১৬ হি ৪৩০১৭ संक्तेप-सू ची সী ন.০ ग्रव्यय पुं० अद्ध मागधी कोप प्रा सपशर श प्रे अनुकरग्णु त्मक पर; 9 अरबी प्र० अल्याथक रूप मुः० कनाड़ी ये ० कहावत 4० क्रिया লও ও क्रिया विशेषण सं० तुनना कीजिए গু तुरी পা देशिए ह° नेपाली डिक्शनरी कै प्राकृत ««« प्रेरणाथ के रूप „. फारसी কার मर दीब्युत्पत्ति कोश --* মুহানহা ,० यागिक व विशेषण ,., वेदिक संस्कृत त सस्रत ,.. सकमेक रै লী লিলা «हिन्दी कल्पना त्मक रूप




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